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Hindi News भारत राष्ट्रीय पीएम नरेंद्र मोदी ने की 'मन की बात' इन मुद्दों पर राष्ट्र को किया संबोधित

पीएम नरेंद्र मोदी ने की 'मन की बात' इन मुद्दों पर राष्ट्र को किया संबोधित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इसी के साथ ही आज वो अपने 101वें मन की बात के जरिए राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कई अहम मुद्दों पर संबोधन दिया।

Prime Minister Narendra Modi did Mann Ki Baat addressed the nation on these issues- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO मन की बात

Mann Ki Baat: नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी आज अपने मन की बात कर रहे हैं। 101वें मन की बात में पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि युवा संगम के पहले दौर में करीब 1200 युवाओं ने देश के 22 राज्यों का भ्रमण किया। हर कोई जो इसका हिस्सा रहा है, वह ऐसी यादों के साथ लौट रहा है, जो जीवन भर उनके दिलों में बसी रहेंगी. गुरुग्राम में एक अनूठा संग्रहालय है- म्यूजियो कैमरा। इसमें 1860 के बाद के युग से संबंधित 8,000 से अधिक कैमरों का संग्रह है। तमिलनाडु के संभावनाओं के संग्रहालय को हमारे दिव्यांग लोगों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।

मन की बात में क्या बोले पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि मन की बात' का ये एपिसोड सेकेंड सेंचुरी का प्रारंभ है। पिछले महीने हम सभी ने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रेट किया है। आपकी भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है। बीते दिनों हमने मन की बात में काशी तमिल संगमम की बात की। सौराष्ट्र तमिल संगमम की बात की। कुछ समय पहले ही वाराणसी में काशी तेलुगू संगमम भी हुआ। पीएम ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भावना को ताकत देने वाला ऐसे ही एक और अनूठा प्रयास देश में हुआ है। ये प्रयास है- युवा संगम का। जब 'मन की बात' का प्रसारण हुआ, तो उस समय दुनिया के अलग-अलग देशों में, अलग-अलग टाइम जोन में, कहीं शाम हो रही थी, तो कहीं देर रात थी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने 100वें एपिसोड को सुनने के लिए समय निकाला।

अपने संबोधन पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बन रहे हैं। हमारे अमृत सरोवर खास हैं क्योंकि ये आजादी का अमृत कल में बन रहे हैं और लोगों के प्रयास का सार इसमें डाला गया है। वीर सावरकर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि वीर सावरकर का व्यक्तित्व शक्ति और विशालता का था। उनका निडर और स्वाभिमानी स्वभाव गुलामी की मानसिकता को बर्दाश्त नहीं कर सका।

 

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