A
Hindi News भारत राष्ट्रीय World Senior Citizen Day: अगर घर से बाहर करें बेटा-बहू, तो 'सीनियर सिटिजन एक्ट' बनेगा सहारा, जानिए कैसे करें इसका इस्तेमाल

World Senior Citizen Day: अगर घर से बाहर करें बेटा-बहू, तो 'सीनियर सिटिजन एक्ट' बनेगा सहारा, जानिए कैसे करें इसका इस्तेमाल

World Senior Citizen Day: आज दुनिया भर में वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे मनाया जा रहा है। ये वरिष्ठ नागरिकों का दिन होता है। इसी मौके पर आज हम जानने का प्रयास करेंगे कि सीनियर सिटीजन का अधिकार क्या होता है।

World Senior Citizen Day- India TV Hindi Image Source : INDIA TV World Senior Citizen Day

Highlights

  • वरिष्ठ नागरिकों का दिन होता है
  • वृद्ध दंपति सड़कों पर रहने के लिए मजबूर हो जाते हैं
  • प्रत्येक राज्य में एक ट्रिब्यूनल बनाया गया है

World Senior Citizen Day: आज दुनिया भर में वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे मनाया जा रहा है। ये वरिष्ठ नागरिकों का दिन होता है। इसी मौके पर आज हम जानने का प्रयास करेंगे कि सीनियर सिटीजन का अधिकार क्या होता है। आमतौर पर मेट्रो शहरों में देखा जाता है कि बूढ़े मां बाप को घर से बाहर निकाल दिया जाता है या उन्हें वृद्धा आश्रम में रहने पर मजबूर कर दिया जाता है। वृद्ध दंपति सड़कों पर रहने के लिए मजबूर हो जाते हैं। तो अब ऐसा बिल्कुल करने की जरूरत नहीं है, वृद्ध लोगों के लिए सरकार ने कानून बनाया है। सीनियर सिटीजन एक्ट के नाम से कानून है जिसके तहत आप अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ सकते हैं। अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि यह सीनियर सिटीजन एक्ट क्या है और इसका पूरा प्रोसेस क्या है तो आज हम विस्तार से इस संबंध में आपको बताएंगे। 

सीनियर सिटीजन किसे कह सकते हैं?
जिस व्यक्ति की उम्र 60 साल या उससे ऊपर हो गई है तो उन्हें हम सीनियर सिटीजन कह सकते हैं। यानी आपके माता-पिता की उम्र 60 साल या उससे अधिक हो गई है तो आपके माता और पिता वरिष्ठ नागरिक हो गए हैं। 

सीनियर सिटीजन एक्ट क्या है? 
सीनियर सिटीजन एक्ट कैसा कानून है जिसके तहत बुजुर्ग अपने हक की लड़ाई लड़ सकते हैं। इस कानून के मुताबिक वो फाइनेंशली सिक्योरिटी, मेडिकल सिक्योरिटी और मेंटेनेंस के लिए खर्च मांग सकते हैं। यह सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 के तहत लागू होता है। 

किसके खिलाफ दावा कर सकते हैं? 
अगर वृद्ध माता पिता अपना खर्च नहीं चला पा रहे हैं तो ऐसे में वह अपने बेटा,बेटी, पोता और पोती के ऊपर दावा कर सकते हैं। इनमें सभी नाबालिग होने चाहिए। 

जिनका बेटा और बेटी न हो? 
ऐसे कई वृद्ध दंपत्ति होते हैं जिनका कोई संतान नहीं होता तो क्या ऐसे लोग भी सीनियर सिटीजन एक्ट का दावा कर सकते हैं। जी हां, बिल्कुल कर सकते हैं अगर उनकी संपत्ति का कोई वारिस है और उनकी संपत्ति का कोई इस्तेमाल कर रहा है या बुजुर्ग ने अपने संपत्ति को किसी को उपहार के रूप में दे दिया है। इन सभी के ऊपर वह दावा कर सकते हैं। 

इसका पूरा प्रोसेस क्या है?
इस तरह के मामलों को देखने के लिए प्रत्येक राज्य में एक ट्रिब्यूनल बनाया गया है। ये एसडीओ रैंक के अधिकारी के अंतर्गत आता है। यानी इस तरह के मामले को सब डिविजनल ऑफीसर देखते हैं। इन्हीं अधिकारी के पास शिकायत दर्ज की जाती है। आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि शिकायत करने का प्रोसेस क्या होता है। बुजुर्ग सबसे पहले यह पता करे कि उनके शहर में एसडीओ का दफ्तर कहां पर है। फिर इसके बाद एक आवेदन तैयार करें, उस आवेदन में अपनी बातों को रखें। आप उस आवेदन को एसडीओ के पास जाकर सौंप दें। इसके बाद एसडीओ कार्यवाही करते हैं और आपने जिसके खिलाफ शिकायत की है उन्हें नोटिस भेजा जाता है। इस दौरान दोनों पक्षों की बात सुनी जाती है। सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत वृद्ध लोगों को उनका अधिकार मिलता है। 

Latest India News