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Hindi News भारत राष्ट्रीय पीएम मोदी ने BJP संसदीय दल की बैठक में विपक्ष के रवैये को लेकर क्या कहा? रविशंकर प्रसाद ने बताई ये बातें

पीएम मोदी ने BJP संसदीय दल की बैठक में विपक्ष के रवैये को लेकर क्या कहा? रविशंकर प्रसाद ने बताई ये बातें

बीजेपी की इस साल की आखिरी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में विपक्ष के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है।

pm modi, BJP- India TV Hindi Image Source : PTI बीजेपी संसदीय दल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे पीएम मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में संसद में विपक्ष के रवैये पर नाराजगी जताई और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने भारतीज जनता पार्टी संसदीय दल की बैठक में 2024 की जीत का संकेत भी दिया। बीजेपी संसदीय दल की बैठक के बाद बीजेपी के सीनियर नेता रविशंकर प्रसाद ने बताया, पीएम मोदी ने कहा कि 2023 की आज अंतिम संसदीय दल की बैठक है। अभी बीजेपी सांसदों की संख्या से इस हॉल का ढाई ब्लॉक भरता है लेकिन 2024 के बाद यह पूरा भर जाएगा। 2024 में विपक्ष की संख्या कितनी होगी यह बताने की जरूरत नहीं है। 

घमंडिया गठबंधन का एकमात्र लक्ष्य मोदी को हटाना

पीएम मोदी के बयान का जिक्र करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा-'प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि घमंडिया गठबंधन का एकमात्र लक्ष्य मोदी को हटाना है। जबकि हमारा लक्ष्य देश को विकसित बनाना है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत का भविष्य उज्जवल करना है। पीएम मोदी ने संसद में विपक्ष के रवैये पर पीड़ा जाहिर की और कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हार के चलते विपक्ष की हताशा और खीझ बढ़ी है।' 

पीएम मोदी ने संसद की सुरक्षा में सेंध मामले का जिक्र करते हुए कहा कि जिन युवकों ने सुरक्षा में सेंधमारी की है उसे विपक्ष प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर समर्थन दे रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा लगता है कि विपक्ष ने यह तय कर लिया है कि उनकों यहीं औंर इससे पीछे रहना है।

निलंबित सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया 

संसद के दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष निलंबित सांसदों के विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार भी शामिल हुए। कई विपक्षी सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं जिन ‘डेमोक्रेसी अंडर सीज’ (लोकतंत्र को बंधक बनाया गया) और कुछ अन्य नारे लिखे हुए थे। उन्होंने ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो’ के नारे भी लगाए गए। खरगे ने कहा, ‘‘हम सिर्फ यही चाहते हैं कि सुरक्षा चूक के विषय पर गृह मंत्री सदन में आकर बयान दें। वह क्यों भाग रहे हैं, मुझे मालूम नहीं है। संसद का सत्र जारी है, लेकिन वह सदन के बाहर बयान दे रहे हैं। ऐसा कभी नहीं होता है। जो बातें सदन में बोलनी हैं, वह बाहर बोली जाती हैं तो इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती हैं।’’

लोकतांत्रिक प्रणाली को खत्म करने का षड्यंत्र-दिग्विजय सिंह

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक प्रणाली को खत्म करने का षड्यंत्र है तथा पहले गुजरात में भी इसी तरह से विधानसभा चलाई जाती थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘यहां तानाशाही चल रही है, उसके खिलाफ लड़ेंगे।’’ संसद में सोमवार को 78 विपक्षी सांसदों को आसन की अवमानना तथा अशोभनीय आचरण के आरोप में निलंबित कर दिया गया, जो संसदीय इतिहास में एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। गत 13 दिसंबर को लोकसभा से 33 सदस्यों और राज्यसभा से 45 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। पिछले बृहस्पतिवार से दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई है। (इनपुट-एजेंसी)

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