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Hindi News भारत राष्ट्रीय कौन हैं बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार जिन्हें EC ने हटाया? माना जा रहा सीएम ममता बनर्जी का करीबी

कौन हैं बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार जिन्हें EC ने हटाया? माना जा रहा सीएम ममता बनर्जी का करीबी

चुनाव आयोग ने इलेक्शन की तारीखों के ऐलान के कुछ ही दिन बाद कई राज्यों के अधिकारियों को हटा दिया है। इनमें से एक पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार हैं, इन्हें ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है।

DGP Rajiv Kumar and Chief Minister Mamata Banerjee- India TV Hindi Image Source : PTI डीजीपी राजीव कुमार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

आज सोमवार को इलेक्शन कमीशन ने बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार को उनके पद से हटाने का आदेश दे दिया है। साथ ही इलेक्शन कमीशन ने राज्य के मुख्य सचिव से आज शाम 5 बजे तक राजीव की जगह पर 3 योग्य अधिकारियों की लिस्ट देने को भी कहा है। बता दें कि इलेक्शन कमीश्नर राजीव कुमार ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी को हटाने का आदेश दिया है।

इन राज्यों के गृह सचिव भी हटेंगे

पश्चिम बंगाल के डीजीपी कुमार के अलावा, कमीशन ने गुजरात, यूपी, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को भी हटाने का आदेश दिया है, साथ ही बृहन्मुंबई नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह चहल, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों को भी हटाने का आदेश दिया है। इसके अलावा, हटाए गए लोगों की लिस्ट में मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभागों के सचिव भी हैं। चुनाव आयोग का यह आदेश लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है।

कौन हैं पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले राजीव कुमार 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। राजीव कुमार को दिसंबर 2023 में मनोज मालवीय के रिटायर होने के बाद राज्य का डीजीपी बनाया गया। इससे पहले, राजीव चीफ कोलकाता पुलिस और चीफ बिधाननगर पुलिस के रूप में काम कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का भी नेतृत्व किया और इंफॉर्मेंशन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में भी काम किया है।

धरने पर बैंठी थी ममता बनर्जी

2019 में सीबीआई ने राजीव कुमार पर शारदा घोटाला मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व करते हुए सबूतों को कथित रूप से दबाने और नष्ट करने का आरोप लगाया था। इस घोटाले के आरोप को लेकर फरवरी 2019 में सीबीआई के आरोप और कुमार के घर की तलाशी के बाद, ममता बनर्जी 2 दिवसीय धरने पर भी बैठी थीं। फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उन्हें केंद्रीय एजेंसी की गिरफ्तारी से सुरक्षा दिए जाने के बाद ममता ने अपना धरना खत्म किया था।

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