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Hindi News भारत राजनीति सिख दंगों पर फैसले के बाद कमलनाथ की बढ़ी मुसीबत, भाजपा ने की बर्खास्त करने की मांग

सिख दंगों पर फैसले के बाद कमलनाथ की बढ़ी मुसीबत, भाजपा ने की बर्खास्त करने की मांग

अकाली दल ने कहा कि कांग्रेस सिख समाज को यह जवाब दे कि कमलनाथ को कैसे मुख्यमंत्री बना दिया गया जबकि उनके साथी को सिख दंगा मामले में उम्रकैद की सजा सुनायी जा रही है

Akali Dal demands to remove Kamal Nath from Chief Minister Post - India TV Hindi Akali Dal demands to remove Kamal Nath from Chief Minister Post after Sikh riots verdict against Sajjan Kumar

नई दिल्ली। अकाली दल ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराये जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है तथा कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने के कांग्रेस के फैसले को सिख विरोधी करार दिया है। अकाली दल के लोकसभा सदस्य प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने सोमवार को उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा ‘‘कांग्रेस सिख समाज को यह जवाब दे कि कमलनाथ को कैसे मुख्यमंत्री बना दिया गया जबकि उनके साथी को सिख दंगा मामले में उम्रकैद की सजा सुनायी जा रही है। मैं समझता हूं कि अगर कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया तो उसे सिख समाज का गुस्सा झेलना पड़ेगा।’’ 

भारतीय जनता पार्टी ने भी इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपना लिया है, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कमलनाथ तो कांग्रेस से बर्खास्त किए जाने की मांग कर दी है। उन्होंने कहा का नानावति कमिशन को सौंपे गई रिपोर्ट के शपथ पत्र और साक्ष्यों में कमलनाथ जी का नाम सामने आया था, उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सिख दंगों में शामिल था उसे सांसद और मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है।

संसद भवन परिसर में चंदूमाजरा ने कहा कि वह अकाली दल की ओर से, सज्जन कुमार पर उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। हालांकि यह फैसला ‘देर आये दुरुस्त आये’ है। उन्होंने सिख दंगा मामले पर फैसले में देरी के लिये कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा ‘‘भले ही कांग्रेस ने सत्ता शक्ति से इस सच को दबा कर रखा हो, लेकिन आखिर में जीत सच की ही होती है।’’ 

चंदूमाजरा ने सिख दंगा मामले की अदालती प्रक्रिया में तेजी आने का श्रेय मोदी सरकार को देते हुये कहा कि सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल की सिफारिश पर, बंद कर दिये गये कुछ महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई फिर से शुरु होने के कारण इस मामले में दंगा पीड़ितों को न्याय मिल पाना मुमकिन हुआ है। गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने कुमार को आपराधिक षड्यंत्र रचने, शत्रुता को बढ़ावा देने, सांप्रदायिक सद्भाव के खिलाफ कृत्य करने का दोषी ठहराया। 

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