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Hindi News भारत राजनीति अमित शाह ने ममता बनर्जी से मांगा 10 साल के काम का हिसाब, कहा- बम धमाकों के बारे में मत बता देना

अमित शाह ने ममता बनर्जी से मांगा 10 साल के काम का हिसाब, कहा- बम धमाकों के बारे में मत बता देना

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वर्चुअल रैली के जरिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा और उनसे उनके 10 साल के काम का हिसाब मांगा।

Amit Shah targets Mamata Benerjee through virtual rally in West Bengal- India TV Hindi Image Source : BJP/TWITTER Amit Shah targets Mamata Benerjee through virtual rally in West Bengal

नई दिल्ली/कोलकाता: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वर्चुअल रैली के जरिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा और उनसे उनके 10 साल के काम का हिसाब मांगा। गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र सरकार के कामों की जानकारी देते हुए कहा कि ममता बनर्जी भी एक प्रेस करें और अपने 10 साल के काम का हिसाब दें।

गृहमंत्री ने कहा, "हमने बंगाल के अंदर 15 लाख लोगों को घर दिया, 82 लाख लोगों को उज्जवला योजना से गैस कनेक्शन दिया, 7.5 लाख से ज्यादा लोगों को बिजली दी, 3.5 करोड़ लोगों के बैंक एकाउंट खोले हैं। ममता दीदी आप हमसे हिसाब मांगती हो, मैं हिसाब लेकर आया हूं। आप कल जरा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने 10 साल का हिसाब दीजिएगा।"

इसके साथ ही अमित शाह ने उनपर हमला करते हुए कहा, "हिसाब ध्यान से दीजिएगा, कहीं बम धमाकों को हिसाब मत बता दीजिएगा, बंद फैक्ट्रियों की संख्या मत बताइएगा, भाजपा के मारे गए कार्यकर्ताओं की संख्या मत बताइएगा। हिसाब लाना है तो विकास का लेकर आइए ममता जी।"

उन्होंने कहा बंगाल एक मात्र ऐसा राज्य है जहां आज भी राजनीतिक हिंसा का बोलबाला है। वर्चुअल रैली में अमित शाह ने कहा कि 2014 से लेकर अबतक पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के 100 से ज्यादा कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं। 

अमित शाह ने कहा, "ममता दीदी राजनीतिक तंज कसती हैं कि हम राज्य को ठीक नहीं चला रहे तो आकर संभाल लीजिए। हमसे जो बन पड़ा वो किया, 11 हजार करोड़ रुपए सीधे बंगाल की जनता के खाते में दिया है। मगर आप हमको कह रही हैं कि भाजपा वाले संभाल लें। तो मैं आपको कहना चाहता हूं कि बंगाल की जनता आपकी इच्छा बहुत जल्द पूरी करने वाली है।"

देशभर में मजदूरों को घरों तक पहुंचने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर काम किया और ट्रेने चालू कीं। एक मात्र बंगाल ऐसा राज्य था जिसने सबसे कम रेल गाड़ियां ली। बंगाल में 236 ट्रेनों से 3 लाख लोगों को पहुंचाया। जबकि, यूपी के लिए 1700 और बिहार के लिए 1500 ट्रेनें चलीं।"

गृहमंत्री शाह ने कहा, "ताजुब तो तब हुआ जब ममता जी ने प्रवासी मजदूरों की ट्रेनों को कोरोना एक्सप्रेस नाम दिया, जबकि हमने उन ट्रेनों को श्रमिक एक्सप्रेस नाम दिया है। आपने बंगाली श्रमिकों और बंगाली मजदूरों का जो अपमान किया है वह कोरोना एक्सप्रेस ही आपको बंगाल से एग्जिट करने का एक गेटवे बन जाएगी।"

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