नई दिल्ली: दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने शुक्रवार को भाजपा से यह जानना चाहा है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले क्या महबूबा मुफ्ती भारत माता की जय बोलेंगी? लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली सरकार ने मिश्रा के बयान से अपने को अलग कर लिया है।
मिश्रा ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और पीडीपी के बीच गठबंधन को राष्ट्रविरोधी बताते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि देश को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और भाजपा के इस फैसले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
उन्होंने शाह को इस तरह के गठबंधन के साथ आगे बढ़ने से पहले लोगों को विश्वास में लेने का सुझाव भी दिया है। मिश्रा ने भाजपा से सवाल किया, "क्या महबूबा मुफ्ती भारत माता की जय बोलने में विश्वास रखती हैं? अगर नहीं, तो क्या फिर भी भाजपा उनकी पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाएगी? मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले क्या वह नारा लगाएंगी कि अफजल गुरु आतंकवादी था और 'अफजल गुरु मुर्दाबाद'?"
मिश्रा ने कहा कि पठानकोट हमले की जांच के लिए पाकिस्तानी जांच दल को भारत आने की अनुमति देकर केंद्र सरकार ने पाकिस्तान सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई को क्षति पहुंचाई है। उन्होंने भाजपा से पूछा कि क्या इसके पीछे भी महबूबा मुफ्ती का ही दबाव था। इस सिलसिले में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता दीपक बाजपेयी ने कहा, "यह मंत्री का निजी बयान है, न कि पार्टी का।"
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने भी कहा, "पत्र में लिखी गई बातें मंत्री कपिल मिश्रा की निजी राय है। दिल्ली सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है।"
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