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उत्तर प्रदेश में EVM की जगह बैलेट से चुनाव की तैयारी क्यों?

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर उठ रहे सवालों के बीच उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय चुनाव आयोग से नई ईवीएम मांगी है।

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नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर उठ रहे सवालों के बीच उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय चुनाव आयोग से नई ईवीएम मांगी है। चुनाव आयोग को खत लिखकर कहा है कि राज्य में मई में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों के लिए उनको 2006 के बाद की वोटिंग मशीनें मुहैया करवाई जाएं और ऐसा संभव न हो तो बैलेट पेपर से चुनाव करवाए जाएं।(उपचुनाव नतीजे: 10 में से 5 सीटों पर बीजेपी का कब्जा, AAP की जमानत जब्त)

राज्य निर्वाचन आयुक्त एस के अग्रवाल ने बताया, "मेरी मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से बात हुई है और मैंने उनसे आग्रह किया है कि चुनाव आयोग नई ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) मुहैया कराएं जो ठीकठाक स्थिति में हों अन्यथा शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव पेपर बैलट के जरिए कराने की अनुमति मिलनी चाहिए।"

उन्होंने बताया कि राज्य भर में शहरी स्थानीय निकायों की चुनावी प्रक्रिया जुलाई के दूसरे सप्ताह तक संपन्न की जानी है। अग्रवाल ने कहा कि उन्हें भारत के निर्वाचन आयोग के जवाब की प्रतीक्षा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य निर्वाचन आयोग वार्डों के सीमांकन का कार्य युद्धस्तर पर कर रहा है।

उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव 2012 में हुए थे। बारह नगर निगमों के मेयर और पाषर्दों का चुनाव कराने में ईवीएम का इस्तेमाल किया गया था। प्रदेश की 194 नगर पालिका परिषदों और 423 नगर पंचायतों के प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए पेपर बैलेट का इस्तेमाल किया गया था।

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