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पश्चिम बंगाल में लेफ्ट पार्टियों के बंद का खास असर नहीं

केंद्र सरकार द्वारा 1,000 और 500 रुपये के नोटों को अमान्य किए जाने के विरोध में लेफ्ट पार्टियों का राज्यभर में 12 घंटे का बंद सोमवार को शुरू हो गया, लेकिन शुरुआती कुछ घंटों में सामान्य जनजीवन पर खास असर पड़ता नहीं दिखा।

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कोलकाता: केंद्र सरकार द्वारा 1,000 और 500 रुपये के नोटों को अमान्य किए जाने के विरोध में लेफ्ट पार्टियों का राज्यभर में 12 घंटे का बंद सोमवार को शुरू हो गया, लेकिन शुरुआती कुछ घंटों में सामान्य जनजीवन पर खास असर पड़ता नहीं दिखा। सड़कों पर सरकारी बसें और अन्य निजी वाहन सामान्य दिनों की तरह ही उतरे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘अभी तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई है हालांकि जिलों से छिटपुट घटनाओं की खबर है।’

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लेफ्ट पार्टियों के बंद का पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने विरोध किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘बंद का हम विरोध करते हैं। सोमवार को हम विरोध मार्च (नोटबंदी के खिलाफ) निकालेंगे।’ तृणमूल का कहना है कि जब लोग पहले ही नकदी की कमी के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं ऐसे में वह उन्हें और तकलीफ देने के खिलाफ है। तृणमूल के महासचिव सुब्रत बक्शी ने बताया कि इसके बजाए तृणमूल नोटबंदी के विरोध में आज कॉलेज स्क्वेयर से एस्प्लानेड के बीच रैली निकालेगी।

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राज्य सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को सोमवार और मंगलवार को दफ्तर आने का आदेश दिया है। अवकाश अपवाद स्थिति में ही मान्य होगा। इस बाबत राज्य के वित्त विभाग ने सर्कुलर जारी किया है। कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त सुप्रतिम सरकार ने बताया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निबटने के लिए महानगर में लगभग 3,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

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