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बिहार सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी, भाजपा ने नकारा

पटना: बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन सरकार ने एक साल पूरे होने पर सोमवार को अपना लेखा-जोखा पेश किया है। राज्य सरकार ने 'न्याय के साथ विकास यात्रा' नाम से जारी रिपोर्ट कार्ड में राज्य में

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पटना: बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन सरकार ने एक साल पूरे होने पर सोमवार को अपना लेखा-जोखा पेश किया है। राज्य सरकार ने 'न्याय के साथ विकास यात्रा' नाम से जारी रिपोर्ट कार्ड में राज्य में कानून का राज और चौमुखी विकास का दावा किया गया है। प्रमुख विपक्षी दल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रिपोर्ट कार्ड को नकारते हुए कहा कि कोई खास उपलब्धियां नहीं होने की वजह से रेल हादसे के बहाने रिपोर्ट कार्ड जारी करने का कार्यक्रम टाल दिया।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को रिपोर्ट कार्ड जारी करने वाले थे, परंतु इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे के बाद रिपोर्ट कार्ड जारी करने के लिए प्रस्तावित समारोह सरकार ने टाल दिया था। इसके बाद सोमवार को नीतीश सरकार ने बगैर किसी समारोह के रिपोर्ट कार्ड सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट पर डाल दिया।

सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट कार्ड में मुख्यमंत्री नीतीश के सात निश्चय और शराबबंदी को प्राथमिकता दी गई है। रिपोर्ट कार्ड के अनुसार, सरकार बेहतर काम कर रही है, और सात निश्चय पर काम प्रगति पर हैं। लोक शिकायत कानून के तहत 60 हजार मामले निष्पादित किए गए हैं। राज्य में लगातार विकास हो रहा है।

रिपोर्ट कार्ड में कहा गया है कि लोकहित में सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं के संबंध में लोगों के सुझाव प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 'लोकसंवाद कार्यक्रम' प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। रिपोर्ट कार्ड में दावा किया गया है कि पिछले एक साल में राज्य के एक अनुमंडल, चार प्रखंड और 118 ग्राम पंचायत खुले में शौच मुक्त हुए हैं। रिपोर्ट कार्ड में बिजली के क्षेत्र में विकास की बात कही गई है।

उल्लेखनीय है कि महागठबंधन सरकार ने इसी महीने की 20 तारीख को साल पूरे किए हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि कोई खास उल्लेखनीय उपलब्धियां नहीं होने की वजह से पहले तो महागठबंधन सरकार ने रेल हादसे के बहाने रिपोर्ट कार्ड को जारी करने का कार्यक्रम टाल दिया। फिर दूसरे दिन चुपके से जारी कर जनता को झांसा देने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से उठाए गए उन तमाम सवालों का जवाब देना सरकार ने मुनासिब नहीं समझा, जो सीधे जनता से जुड़े हुए हैं। मोदी ने कहा कि रिपोर्ट कार्ड में सरकार को बताना चाहिए था कि सत्ताधारी दल के उन दर्जन भर विधायकों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, जिनके काले कारनामों से पूरे देश में बिहार को शर्मसार होना पड़ा है। पूरे बिहार में कोहराम मचाने वाले अपराधियों पर नकेल कसने में सरकार क्यों विफल रही।

गौरतलब है कि इसके पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने शनिवार को सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी किया था, जिसमें सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताया गया था।

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