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शिमला महापौर के पद पर 3 दशक बाद भाजपा नेता की ताजपोशी

शिमला नगर निगम पर 26 वर्षो से कांग्रेस काबिज रही है। महापौर पद अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित है, जबकि उप महापौर पद अनारक्षित है। दोनों पदों का कार्यकाल ढाई साल का है।

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शिमला: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कुसुम सादरेत को शिमला नगर निगम का महापौर, जबकि पार्टी के ही राकेश शर्मा को उपमहापौर निर्वाचित किया गया। तीन दशक बाद निगम की सत्ता पर विपक्षी पार्टी काबिज हुई है। निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न कराने वाले शहरी विकास विभाग के निदेश डी.के. गुप्ता ने सादरेत तथा शर्मा के निर्वाचन की पुष्टि की। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...

17 जून को हुए नगर निगम चुनाव में पार्टी ने 34 सीटों वाले निगम में 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि भाजपा बहुमत से एक सीट पीछे रह गई थी। भाजपा ने 34 उम्मीदवारों, कांग्रेस ने 27 और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 22 उम्मीदवारों का समर्थन किया था।

शिमला नगर निगम पर 26 वर्षो से कांग्रेस काबिज रही है। महापौर पद अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित है, जबकि उप महापौर पद अनारक्षित है। दोनों पदों का कार्यकाल ढाई साल का है।

वर्ष 2012 में माकपा ने महापौर, उप महापौर और साथ ही पार्षद की एक सीट जीती थी। इस प्रकार माकपा ने केवल तीन सदस्यों की बदौलत 25 सदस्यीय सदन में शासन किया था। अधिकांश पार्षद कांग्रेस के थे। नए इलाकों के विलय से पार्षदों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है।

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