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Hindi News भारत राजनीति भगवान बुद्ध आज भी संविधान की प्रेरणा, महात्मा गांधी सत्य के आधुनिक संवाहक: PM मोदी

भगवान बुद्ध आज भी संविधान की प्रेरणा, महात्मा गांधी सत्य के आधुनिक संवाहक: PM मोदी

मोदी ने कहा कि गुजरात का वडनगर मेरी जन्मस्थली है यह एक महत्वपूर्ण स्थान है जिसका जुड़ाव अतीत में बौद्ध धर्म से रहा है।

Narendra Modi, Narendra Modi Gautam Buddha, Narendra Modi Gandhi- India TV Hindi Image Source : PTI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भगवान बुद्ध आज भी भारतीय संविधान की प्रेरणा हैं।

कुशीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भगवान बुद्ध आज भी भारतीय संविधान की प्रेरणा हैं और महात्मा गांधी उनके सत्य और अहिंसा के संदेश के आधुनिक संवाहक हैं। उन्होंने बुधवार को कुशीनगर में महापरिनिर्वाण मंदिर में अभिधम्म दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध कॉन्क्लेव का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि एक सामान्य सोच है कि बौद्ध धर्म का प्रभाव भारत के ज्यादातर पूर्वी हिस्सों में ही है, मगर सच यह है कि इसका असर पश्चिम और दक्षिण में भी है।

‘बुद्ध दिशाओं और सीमाओं से परे हैं’
मोदी ने कहा कि गुजरात का वडनगर मेरी जन्मस्थली है यह एक महत्वपूर्ण स्थान है जिसका जुड़ाव अतीत में बौद्ध धर्म से रहा है और अभी तक हम इस इतिहास को ह्वेन सांग के कथनों से ही जानते हैं। मोदी ने कहा, ‘गुजरात का यह अतीत इस बात को साबित करता है कि बुद्ध दिशाओं और सीमाओं से परे हैं। महात्मा गांधी जिनका जन्म गुजरात की धरती पर हुआ, वह बुद्ध के सत्य और अहिंसा के संदेश को पहुंचाने वाले आधुनिक संवाहक थे।’ उन्होंने कहा कि भारत ने भगवान बुद्ध की शिक्षा के पहलुओं को अपनी विकास की यात्रा का हिस्सा बनाया। बुद्ध का संदेश जलवायु परिवर्तन और आत्मनिर्भर भारत जैसे विषयों के लिहाज से भी प्रासंगिक है।

‘बुद्ध के संदेश पूरी मानवता के लिए हैं’
प्रधानमंत्री ने ‘नमो बुद्धाय’ से अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, ‘भगवान बुद्ध की कृपा से कई अलौकिक संयोग आज हो रहे हैं। बुद्ध के संदेश पूरी मानवता के लिए हैं। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जरिए पूरी दुनिया से भगवान बुद्ध के करोड़ों अनुयायियों को यहां आने का अवसर मिलेगा, उनकी यात्रा आसान होगी। अलग-अलग देश, अलग-अलग परिवेश लेकिन मानवता की आत्मा में बसे बुद्ध सबको जोड़ रहे हैं। भारत ने भगवान बुद्ध की सीख को अपनी विकास यात्रा का हिस्सा बनाया है। हमने ज्ञान को, महान संदेशों को, महान आत्माओं के विचारों को बांधने में कभी भरोसा नहीं किया।’

‘बुद्ध आज भी भारत के संविधान की प्रेरणा हैं’
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने जो कुछ भी हमारा था उसे मानवता के लिये अर्पित किया है। इसलिये अहिंसा, दया, करुणा ऐसे मानवीय मूल्य आज भी उतनी ही सरलता से भारत के अन्तर्मन में रचे बसे हैं। इसलिये बुद्ध आज भी भारत के संविधान की प्रेरणा हैं। बुद्ध का धम्म चक्र भारत के तिरंगे पर विराजमान होकर हमें गति दे रहा है। आज भी भारत की संसद में कोई जाता है तो इस मंत्र पर नजर जरूर पड़ती है, धर्म चक्र प्रवर्तनाय। हम सभी जानते हैं कि श्रीलंका में बौद्ध धर्म का संदेश सबसे पहले भारत से सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा लेकर गये थे।’

‘बुद्ध का संदेश पूरे विश्व के लिये है’
मोदी ने कहा, ‘माना जाता है कि आज ही के दिन अरहत महेंद्र ने वापस आकर अपने पिता को बताया था कि श्रीलंका ने बुद्ध का संदेश कितनी ऊर्जा से अंगीकार किया है। इस समाचार ने यह विश्वास बढ़ाया था कि बुद्ध का संदेश पूरे विश्व के लिये है, बुद्ध का धम्म मानवता के लिये है। इसलिये आज का यह दिन हम सभी देशों के सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधो को नयी ऊर्जा देने का भी दिन है। आज जब दुनिया पर्यावरण संरक्षण की बात करती है, जलवायु परिवर्तन पर चिंता जाहिर करती है, तो उसके साथ अनेक सवाल उठ खड़े होते है, लेकिन अगर हम बुद्ध के संदेश को अपना लें तो किस को करना है की जगह क्या करना है, इसका मार्ग अपने आप दिखने लगता है।’

‘भगवान बुद्ध हर जगह हैं’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हजारों साल पहले भगवान बुद्ध जब इस धरती पर थे तो आज जैसी व्यवस्थायें नहीं थीं लेकिन फिर भी बुद्ध विश्व के करोड़ों करोड़ लोगों तक पहुंच गए उनके अन्तर्मन से जुड़ गए। मैंने अलग-अलग देशों के बौद्ध धर्म से जुड़े मंदिरों, विहारों में यह साक्षात अनुभव किया है कि भगवान बुद्ध हर जगह हैं। मोदी ने कहा कि आम तौर पर यह भी धारणा है कि बौद्ध धर्म का प्रभाव भारत में मुख्य रूप से पूरब में है, लेकिन इतिहास को बारीकी से देखें तो हम पाते हैं कि बुद्ध ने जितना पूरब को प्रभावित किया, उतना ही पश्चिम और दक्षिण पर भी उनका प्रभाव है।

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