A
Hindi News भारत राजनीति 'जघन्य अपराधियों व मतदाताओं को रिश्वत देने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य करार दिया जाए'

'जघन्य अपराधियों व मतदाताओं को रिश्वत देने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य करार दिया जाए'

"निर्वाचन प्रक्रिया के स्वतंत्र व निष्पक्ष होने में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक निर्वाचन क्षेत्र में अपराधियों की भूमिका है। इसलिए हमने सिफारिश की है कि जिनके खिलाफ जघन्य अपराधों हत्या, दुष्कर्म, अपहरण आदि जैसे मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं

Nasim-Zaidi- India TV Hindi Nasim-Zaidi

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग चाहता है कि जघन्य अपराधों व मतदाताओं को रिश्वत देने का आरोपों का सामना कर रहे उम्मीदवारों को अयोग्य करार दिया जाए। आयोग ऐसा प्रणाली को स्वच्छ बनाने और उम्मीदवारों को बराबरी का स्तर देने के लिए करना चाहता है। आयोग पार्टियों के उन प्रावधानों को भी अस्वीकृत करता है जिसमें पार्टियों को अपने निर्वाचन संबंधी बांड से मिले राशि की खुलासा करने की जरूरत नहीं होती है। आयोग इन प्रावधानों की समीक्षा करना चाहता है। ये भी पढ़ें: भारत और चीन में बढ़ी तल्खियां, जानिए किसके पास है कितनी ताकत

मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने एक साक्षात्कार में कहा, "निर्वाचन प्रक्रिया के स्वतंत्र व निष्पक्ष होने में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक निर्वाचन क्षेत्र में अपराधियों की भूमिका है। इसलिए हमने सिफारिश की है कि जिनके खिलाफ जघन्य अपराधों हत्या, दुष्कर्म, अपहरण आदि जैसे मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं, जिससे इन्हें पांच साल की जेल हो सकती है, उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने इसकी सिफारिश की है और कानून आयोग ने विचार का समर्थन किया है। जैदी ने कहा, "कानून आयोग ने इस विषय पर एक अलग से रिपोर्ट दी है। मैं मानता हूं कि यह समय है कि इसे प्राथमिकता के तौर पर लिया जाए।"

अपने पांच साल के कार्यकाल के बाद जैदी बुधवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जैदी ने उम्मीदवारों के मतदाताओं के रिश्वत देने के आरोपों पर भी बात की। उन्होंने खास तौर से तमिलनाडु विधानसभा के आर.के.नगर निर्वाचन क्षेत्र के संदर्भ में बातें की।

आर.के.नगर निर्वाचन क्षेत्र तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता के निधन से खाली हुई।

जैदी ने कहा, "हमें अपने निर्वाचन प्रणाली में ईमानदार प्रतिनिधियों की जरूरत है, जिसका अर्थ है कि हमारे चुनाव अभियानों में भ्रष्ट धन का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। अब उम्मीदवारों के पास वैधानिक सीमा है। वे चुनाव खर्च कानूनी रूप से कर सकते है, लेकिन शराब या खबरों के लिए भुगतान नहीं कर सकते।"

आयोग ने यह धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए बड़े स्तर पर संसाधन तैनात किए हैं। विधानसभा स्तर पर खर्चे पर निगरानी की प्रक्रिया कई विभागों जैसे मादक द्रव्य पदार्थ, आबकारी व पुलिस के साथ मिलकर काम करते हैं।

जैदी ने कहा, "उदाहरण के तौर पर आर.के.नगर उपचुनाव में हमारे पास रिश्वत के आरोपों पर चुनाव नहीं कराने के लिए कानूनी शक्ति नहीं थी, इसलिए हमने संविधान के अनुच्छेद 324 के सर्वव्यापी प्रावधानों का सहारा लिया। लेकिन हम हर बार अनुच्छेद 324 की मांग नहीं कर सकते। इसलिए एक उचित नियम होना चाहिए। इसकी कानून आयोग द्वारा जांच की गई है और समर्थन किया गया है।"

निवर्तमान सीईसी ने कहा कि इस संदर्भ में प्रस्ताव सरकार को भेजे गए हैं।

ये भी पढ़ें: जानिए कौन है सैयद सलाहुद्दीन, जिसने कश्मीर घाटी को भारतीय बलों की कब्रगाह बनाने की खायी थी कसम
अगर सांप काटे तो क्या करें-क्या न करें, इन बातों का रखें ध्यान...

Latest India News