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केंद्र ने बनाया ऊर्जा ऐप, पर UP सरकार ने इसमें डेटा देना रोका: केंद्र सरकार

नई दिल्ली: वाराणसी में 24 घंटे बिजली रहने के बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दावे का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने एक एनजीओ के जुटाए डेटा का आज हवाला दिया

akhilesh yadav- India TV Hindi akhilesh yadav

नई दिल्ली: वाराणसी में 24 घंटे बिजली रहने के बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दावे का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने एक एनजीओ के जुटाए डेटा का आज हवाला दिया और मीडिया में आई खबरों का जिक्र किया। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकसभा सीट है।

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उत्तर प्रदेश में बिजली आपूर्ति को लेकर मोदी और अखिलेश के बीच जुबानी जंग के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि इसने उपभोक्ताओं के लिए शहरी उर्जा डेटा मुहैया करने को लेकर एक ऊर्जा ऐप बनाया था लेकिन राज्य सरकार ने इसमें डेटा देना रोक दिया।

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने रविवार को आरोप लगाया था कि राज्य में धर्म के आधार पर बिजली आपूर्ति में भेदभाव होता है। अखिलेश ने इसका जवाब देते हुए कल मोदी से कहा कि वह गंगा मैया की कसम खाएं कि उनके निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है।

केंद्र ने एक बयान में कहा, उप्र सरकार इसमें अगस्त 2016 तक डेटा मुहैया करती रही लेकिन खास तौर पर बिजली कटौती (समय और अवधि के मामलों में) में बहुत खराब रैंकिंग के चलते राज्य सरकार ने इसमें डेटा देना रोक दिया।

इसने कहा है कि अगस्त 2016 में मुहैया किए गए डेटा के मुताबिक शेष भारत की तुलना में उत्तर प्रदेश में बिजली गुल होने के दोगुने से अधिक मामले थे और बिजली कटौती की अवधि सात गुना अधिक थी। इसने कहा कि यदि वाराणसी को 24 घंटे बिजली मिल रही है तो उप्र सरकार दुनिया से बिजली आपूर्ति के आंकड़े क्यों छिपा रही है? स्वतंत्र तीसरा पक्ष वाराणसी में बिजली आपूर्ति की स्थिति को जाहिर कर रहा है।

मीडिया में आई कुछ खबरों का जिक्र करते हुए केंद्र ने कहा कि वाराणसी के कुछ हिस्सों में लंबी अवधि तक बिजली गुल रहती है। इसमें पिछला रविवार भी शामिल है जब प्रधानमंत्री ने कहा था कि बिजली आपूर्ति में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इसने एनजीओ प्रयास के द्वारा तैयार की गई सांख्यिकी का भी जिक्र किया जिसने देश भर में कुछ खास शहरों से बिजली आपूर्ति के डेटा जुटाए हैं।

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