GST पारित कराने के इच्छुक, सरकार संवाद को तैयार नहीं: कांग्रेस
जीएसटी विधेयक को पारित नहीं होने देने के भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस ने कहा कि वह चाहती है कि विधेयक पारित हो लेकिन सरकार विपक्ष की चिंताओं का जवाब नहीं दे रही है।
नई दिल्ली: संसद में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को पारित नहीं होने देने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह चाहती है कि विधेयक पारित हो लेकिन सरकार विपक्ष की चिंताओं का जवाब नहीं दे रही है। कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा, "कांग्रेस पार्टी ही जीएसटी विधेयक लाई थी। हम लोगों ने इस विधेयक के कुछ बिंदुओं पर अपनी चिंता जाहिर की है। एक बार जब सरकार से इन पर हमारी चर्चा हो जाए तो उन मुद्दों का समाधान किया जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि जीएसटी विधेयक का पारित होना राष्ट्रहित में है। प्रवक्ता ने कहा, "हम लोग बहुत चाहते हैं कि राष्ट्रहित में यह विधेयक पारित हो जाए। सत्तारूढ़ भाजपा को आगे कदम बढ़ाना चाहिए और हम भी एक कदम आगे बढ़ सकते हैं। इससे आम सहमति का एक अद्भुत अवसर बनता।"
उन्होंने कहा कि लेकिन इसके लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। एक समाचार चैनल को हाल में दिए साक्षात्कार में जीएसटी विधेयक पर कांग्रेस के अडंगा लगाने के प्रधानमंत्री के आरोप पर वडक्कन ने कहा कि राष्ट्रहित के आगे राजनीति नहीं आनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "जब आप राष्ट्रहित में राजनीति लाते हैं तभी परेशानी शुरू होती है। राजनीति से आगे बढ़ें और राष्ट्रहित के बारे में सोचें। कांग्रेस नहीं बल्कि कतार का वह आखिरी व्यक्ति है, जो इससे लाभान्वित होगा।" कई अन्य विपक्षी दलों ने भी जीएसटी विधेयक को संसद में समर्थन देने की इच्छा जताई है लेकिन शिकायत सरकार से बातचीत के अभाव की है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता बृंदा करात ने आईएएनएस से कहा,"हमें राज्य के अधिकारों और संघीय भूमिका एवं अन्य मुद्दों से जुड़ी कुछ चिंताएं हैं। इसलिए हम कहते हैं कि सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाए।" जनता दल (यू) ने भी विधेयक को समर्थन देने की इच्छा जताई है लेकिन आम सहमति बनाने की जिम्मेदारी सरकार पर डाली है।