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Hindi News भारत राजनीति कांग्रेस के चाणक्य अहमद पटेल 26 की उम्र में बने थे सांसद, राजीव कैबिनेट में शामिल होने से किया था इंकार

कांग्रेस के चाणक्य अहमद पटेल 26 की उम्र में बने थे सांसद, राजीव कैबिनेट में शामिल होने से किया था इंकार

कांग्रेस के लोकप्रिय नेता और सोनिया राहुल के थिंक टैंक कहे जाने वाले अहमद पटेल का आज देर रात निधन हो गया है।

<p>Ahmed Patel</p>- India TV Hindi Image Source : FILE Ahmed Patel

कांग्रेस के लोकप्रिय नेता और सोनिया राहुल के थिंक टैंक कहे जाने वाले अहमद पटेल का आज देर रात निधन हो गया है। वे एक महीने से कोरोना से पीड़ित थे। जिसके चलते 71 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। इंदिरा गांधी के दौर में 26 साल की उम्र में सांसद बने अहमद पटेल को कांग्रेस का चाणक्य कहा जाता है। इंदिरा गांधी 1980 में कांग्रेस की जबरदस्त वापसी के बाद पटेल को कैबिनेट में शामिल करना चाहती थीं लेकिन अहमद पटेल ने संगठन से अपना मोह जाहिर कर दिया। यही तस्वीर राजीव गांधी के समय में भी देखने को मिली। 1984 के चुनाव के बाद अहमद पटेल को फिर से मंत्री पद ऑफर किया गया लेकिन उन्होंने इस बार भी संगठन को ही चुना था।

कांग्रेस के सुनहरे दौर से लेकर मौजूदा दौर तक उन्होंने कभी कांग्रेस संगठन में भरोसा नहीं छोड़ा। वे राजीव गांधी से लेकर सोनिया और राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। संगठन को एक डोर में बांधे रखने के लिए उन्होंने 5 दशकों तक कांग्रेस की सेवा की। 

कांग्रेस से रहा पुराना रिश्ता 

अहमद पटेल के पिता मोहम्मद इशकजी पटेल पुराने कांग्रेसी नेता रहे हैं। पिता के अनुभवों, नसीहतों ने जिंदगी कितनी बदली यह अहमद पटेल के राजनीतिक कद को देखकर समझा जा सकता है। अहमद पटेल ने 1976 में मेमूना अहमद से शादी कर ली। पटेल का परिवार राजनीति से दूर रहा। अहमद पटेल के एक बेटा और एक बेटी हैं। दोनों ही राजनीतिक दुनिया से फिलहाल दूर हैं।

26 की उम्र में जीता पहला चुनाव 

  • अहमद पटेल 1977 में 26 साल की उम्र में भरुच से लोकसभा चुनाव जीतकर तब के सबसे युवा सांसद बने थे। वे 1993 से राज्यसभा सदस्य हैं। 
  • अहमद पटेल 1977 से 1982 तक गुजरात की यूथ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। 
  • सितंबर 1983 से दिसंबर 1984 तक वो ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी रहे। 
  • 1985 में जनवरी से सितंबर तक वो प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव रहे।
  • अहमद पटेल सितंबर 1985 से जनवरी 1986 तक पटेल ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी रहे। 
  • जनवरी 1986 में गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष बने और अक्टूबर 1988 तक इस पद पर रहे.
  • 1991 में नरसिम्हा राव के दौर में अहमद पटेल कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य चुने गए। 
  • 1996 में सीताराम केसरी की अध्यक्षता के दौर में उन्हें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का कोषाध्यक्ष बनाया गया था। 
  • 2000 सोनिया गांधी के निजी सचिव वी जॉर्ज से मनमुटाव होने के बाद उन्होंने ये पद छोड़ दिया था। बाद में 2001 में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार बन गए।

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