A
Hindi News भारत राजनीति क्या राजीव गांधी फाउंडेशन में दान देने के बाद Unitech को मिला था टेलिकॉम लाइसेंस?

क्या राजीव गांधी फाउंडेशन में दान देने के बाद Unitech को मिला था टेलिकॉम लाइसेंस?

2008 की शुरुआत में यूनिटेक की सहायक कंपनी यूनिटेक वायरलेस को देशभर के लिए सिर्फ 1658 करोड़ रुपए में टेलिकॉम लाइसेंस दे दिया था

<p>Controversy over Unitech donation to Rajiv Gandhi...- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK/RGF Controversy over Unitech donation to Rajiv Gandhi Foundation

नई दिल्ली। राजीव गांधी फाउंडेशन में चंदे के दान को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले चीनी दूतावास की तरफ से फाउंडेशन को दिए चंदे से विवाद उठा था और अब नया मामला सामने आया है जिसमें पता चला है कि वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान उस समय की रियल्टी कंपनी यूनिटेक कंपनी ने भी राजीव गांधी फाउंडेशन में चंदा दान किया था।

विवाद दान किए चंदे को लेकर नहीं है बल्कि विवाद तब पैदा हो रहा है जब 2008 की शुरुआत में यूनिटेक की सहायक कंपनी यूनिटेक वायरलेस को देशभर के लिए सिर्फ 1658 करोड़ रुपए में टेलिकॉम लाइसेंस दे दिया था। उस समय पहले आओ और पहले पाओ की तर्ज पर यह लाइसेंस दिया गया था।  बाद में टेलिकॉम स्पेक्ट्रम आबंटन को लेकर घोटाले के आरोप लगे और इसी तरह की डील्स 2G टेलिकॉम घोटाला कहलाई।

राजीव गांधी फाउंडेशन को मिलने वाले चंदे को लेकर भारतीय जनता पार्टी हाल के दिनों में कांग्रेस पर निशाना साध रही है। हाल ही में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005 से 2006 के बीच लगातार अनुदान राशि मिली। इसके अलावा ‘‘टैक्स हैवेन’’ कहे जाने वाले देश लक्जेमबर्ग से 2006 से 2009 के बीच तथा व्यवसायिक हितों वाले गैर सरकारी संगठनों से भी इस फाउंडेशन को अनुदान राशि मिली है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हितों को ‘‘तिलांजली’’ दे दी गई और एक परिवार द्वारा संचालित फाउंडेशन ने अनुदान राशि स्वीकार की।

सरकार ने बुधवार को एक अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की जो राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) एवं नेहरू-गांधी परिवार से संबंधित दो अन्य न्यासों द्वारा धनशोधन और विदेशी चंदा सहित विभिन्न कानूनों के कथित उल्लंघन के मामलों की जांच करेगी। कांग्रेस ने सरकार के कदम को ‘दुर्भावनापूर्ण साजिश’ करार देते हुए कहा कि वह एवं उसका नेतृत्व इन धमकाने वाले प्रयासों से डरने वाले नहीं हैं। दूसरी तरफ, भाजपा ने कहा कि केंद्र सरकार यह आदेश हाल ही में सार्वजनिक हुई जानकारी का ‘‘स्वाभाविक’’ परिणाम है।

Latest India News