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आपातकाल की कहानी मोदी-शाह की जुबानी, 43 साल बाद इमरजेंसी पर सबसे बड़ी जंग

इस मौके पर बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें पीएम मोदी और अमित शाह की जुबानी इमरजेंसी की कहानी बताई गई है। इस वीडियो में पीएम मोदी ने कहा है कि 25 जून की तारीख कोई भूल नहीं सकता, जब सत्ता के लिए देश को जेलखाना बना दिया गया था।

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नई दिल्ली: देश में इमरजेंसी लगाए जाने की घटना को 43 साल पूरे हो गए हैं। इमरजेंसी का ऐलान तो 25 जून 1975 की आधी रात को हुआ था लेकिन देश को 26 जून यानी आज ही के दिन इमरजेंसी की आधिकारिक खबर मिली। इमरजेंसी के 43 साल पूरे होने पर बीजेपी आज पूरे देश में काला दिवस मना रही है। इस मौके पर पीएम मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कई केंद्रीय मंत्री देश के अलग-अलग हिस्से में लोगों को इमरजेंसी की कड़वी यादें बताएंगे।

इस मौके पर बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें पीएम मोदी और अमित शाह की जुबानी इमरजेंसी की कहानी बताई गई है। इस वीडियो में पीएम मोदी ने कहा है कि 25 जून की तारीख कोई भूल नहीं सकता, जब सत्ता के लिए देश को जेलखाना बना दिया गया था।

इस वीडियो में उन्होंने कहा, “हिंदुस्तान के इतिहास में 25 जून कोई भूल नहीं सकता है। सत्ता सुख की खातिर देश को आपातकाल के बंधनों में बांधकर जेलखाना बना दिया गया था, देश में संपूर्ण क्रांति का सपना लेकर चल रहे जयप्रकाश जी नारायण के नेतृत्व में लाखों देशभक्तों को लोकतंत्र प्रेमियों को जेलों में बंद कर दिया गया था।“

उन्होंने ये भी कहा कि एक ही साल में लगभग एक करोड़ लोगों की नसबंदी उम्र देखे बगैर कर दी गई था, कौन विवाहित है, कौन अविवाहित है कुछ भी देखे बगैर नसबंदी कर दी गई। अखबार पर ताले लग गए थे, रेडियो वही बोलता था जो सरकार बोलती थी।

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