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Hindi News भारत राजनीति 'हार्ट ऑफ एशिया': भारत-पाक द्विपक्षीय बातचीत पर कोई स्पष्टता नहीं

'हार्ट ऑफ एशिया': भारत-पाक द्विपक्षीय बातचीत पर कोई स्पष्टता नहीं

नई दिल्ली: दोनों पड़ोसी देशों में तनाव के बीच, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज 'हार्ट ऑफ एशिया' (एचएओ) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार रात यहां पहुंचे। इस बीच इस

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नई दिल्ली: दोनों पड़ोसी देशों में तनाव के बीच, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज 'हार्ट ऑफ एशिया' (एचएओ) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार रात यहां पहुंचे। इस बीच इस बात को लेकर अटकलें तेज हैं कि क्या दोनों देश रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने के लिए सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। अजीज यहां पहुंचने के करीब एक घंटे बाद एक रात्रिभोज में शामिल हुए जहां उन्होंने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे का अभिवादन किया। (विदेश  की खबरों के लिए पढ़ें)

सम्मेलन में भाग ले रहे करीब 30 देशों के प्रतिनिधि भी रात्रिभोज में शामिल हुए। इनमें अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी भी शामिल हैं। अजीज को पहले शुक्रवार को यहां पहुंचना था लेकिन वह सम्मेलन के लिए एक दिन पहले ही आ गए। इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि सम्मेलन से इतर क्या भारत-पाक द्विपक्षीय बातचीत होगी।

दिलचस्प है कि सद्भावना के तौर पर अजीज ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक गुलदस्ता भेजा और उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की। बीमार होने के कारण सुषमा सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रही हैं। वित्त मंत्री अरूण जेटली मंत्री स्तर की बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे।

अजीज एक विशेष उड़ान से यहां पहुंचे और हवाई अड्डे पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने उनकी अगवानी की. गौरतलब है कि पिछले साल इस्लामाबाद में आयोजित 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच बैठक हुई थी। इस दौरान दोनों देश 'व्यापक द्विपक्षीय वार्ता' शुरू करने पर सहमत हुए थे। दोनों देशों के बीच वार्ता जनवरी में हुए पठानकोट आतंकी हमले के कारण शुरू नहीं हो पाई। इससे पूर्व इसी हफ्ते बासित ने कहा था कि अगर भारत तैयार हो तो पाकिस्तान बिना किसी शर्त के बातचीत शुरू के लिए तैयार है।

भारत ने पहले ही स्पष्ट किया है कि 'लगातार आतंकवाद' के माहौल में वार्ता नहीं हो सकती। भारत दो दिवसीय सम्मेलन में पाकिस्तान को राजनयिक रूप से घेरने और राज्य प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ समन्वित कार्रवाई के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास करेगा।

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