A
Hindi News भारत राजनीति सोनिया-राहुल का सबसे बड़ा डर, उत्तराखंड के बाद हिमाचल का नंबर?

सोनिया-राहुल का सबसे बड़ा डर, उत्तराखंड के बाद हिमाचल का नंबर?

नई दिल्ली: पहले अरुणाचल प्रदेश और उसके बाद उत्तराखंड दो महीने के अंदर कांग्रेस की सत्ता वाले दो राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर हड़कंप मचा हुआ है। हिमाचल प्रदेश

virbhadra singh

कांग्रेस के लिए डर की बात इसलिए भी है क्योंकि-

हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कुल 68 सीटों में से कांग्रेस के 36 विधायक हैं। बाकी सीटों में 26 बीजेपी और 6 निर्दलीयों की हैं यानी वीरभद्र के कुनबे से 3-4  विधायक भी छिटक गए तो उनकी सरकार अल्पमत में आ जाएगी।

अरुणाचल और उत्तराखंड के हश्र से सबक लेते हुए कांग्रेस अब बागियों को लेकर अलर्ट हो गई है। पार्टी बागियों का मन टटोल रही है और बागियों को खुश करने में लगी है। हर जगह बगावात को रोकने की कोशिश हो रही है। मुख्यमंत्रियों को हिदायत दी जा रही है जो जरा भी आंख दिखा रहा है उससे बात करो, किसी भी कीमत पर बगावत मत होने दो।

बागियों ने उड़ाई कांग्रेस की नींद

2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी उस वक्त देश के 11 राज्यों में कांग्रेस की सत्ता थी लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव हुए तो कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश अंदरूनी बगावत की वजह से निकल गए। अब कांग्रेस महज 7 राज्यों में काबिज है। इनमें शामिल हैं केरल, कर्नाटक, असम, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और मेघालय। और इनमें से कई राज्यों में कांग्रेस पार्टी अंदरूनी बगावत से परेशान है मिसाल के तौर पर मणिपुर। यूं तो 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा में कांग्रेस के पास 48 सीटे हैं लेकिन सीएम ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ बगावत की सुगबुगाहट वहां भी शुरु हो चुकी है।

मणिपुर में भी बगावत का डर ?

दरअसल हाल ही में इबोबी सिंह ने कुछ मंत्रियों को पद से हटा दिया था। इस फैसले से करीब 25 विधायक नाराज हो गए और बगावत की धमकी देने लगे। इसके बाद सोनिया गांधी ने इबोबी सिंह को बात करने के लिए दिल्ली बुलाया था और उन्हें हिदायत दी कि किसी भी तरह नाराज विधायकों की शिकायत दूर करने की कोशिश करें। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी चुन चुन कर उसके विरोधियों को अपनी ओर करने की फिराक में है। हालांकि बीजेपी अरुणाचल और उत्तराखंड के हालात के लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहरा रही है। सोनिया और राहुल का सबसे बड़ा डर यही है कि धीरे धीरे कांग्रेस अपने राज्यों पर से पकड़ खो रही है।

Latest India News