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Hindi News भारत राजनीति कांग्रेस की विचारधारा को BJP की विचाधारा ने दबा दिया है, हिंदुइज्म और हिंदुत्व एक नहीं: राहुल गांधी

कांग्रेस की विचारधारा को BJP की विचाधारा ने दबा दिया है, हिंदुइज्म और हिंदुत्व एक नहीं: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, हमें एक बात माननी पड़ेगी, हिंदुस्तान में 2 विचारधाराएं हैं, एक कांग्रेस पार्टी की विचारधारा है और एक आरएसएस की विचारधारा है, हमें यह बात माननी पड़ेगी कि आज के हिंदुस्तान में भाजपा और आरएसएस ने नफरत फैला दी है

rahul gandhi- India TV Hindi Image Source : PTI कांग्रेस की विचारधारा को BJP की विचाधारा ने दबा दिया है, हिंदुइज्म और हिंदुत्व एक नहीं: राहुल गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब के बाद हिंदुत्व और हिंदुइज्म को लेकर छिड़ी बहस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कूद गए हैं।  राहुल गांधी ने वर्धा में चल रहे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय ओरिएंटेशन कैंप को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि हिंदुइज्म तथा हिंदुत्व एक नहीं है और अगर एक होते तो अलग अलग नाम की जरूरत नहीं पड़ती। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "भाजपा हिंदुत्व की बात करती है और हम कहते हैं कि हिंदू धर्म में और हिंदुत्व में फर्क है, क्योंकि अगर फर्क नहीं होता तो नाम एक ही होता। हिंदुत्व को हिंदू की जरूररत नहीं होती या हिंदू को हिंदुत्व की जरूरत नहीं होती।"

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "हमें एक बात माननी पड़ेगी, हिंदुस्तान में 2 विचारधाराएं हैं, एक कांग्रेस पार्टी की विचारधारा है और एक आरएसएस की विचारधारा है, हमें यह बात माननी पड़ेगी कि आज के हिंदुस्तान में भाजपा और आरएसएस ने नफरत फैला दी है, और कांग्रेस की विचार धारा जो जोड़ने तथा भाईचारे की विचारधारा है, उसे भाजपा की नफरत की विचारधारा ने दबा दिया है, मिटाया नहीं है। लेकिन विचारधारा को फैलाने की उनकी मशीनरी हमसे ज्यादा है।"

राहुल गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग के कैंप अब बहुत जरूरी हो गए हैं। उन्होंने कहा, "2014 से पहले हमारे लिए ट्रेनिंग एक विकल्प हो सकता था, विचारधारा की जो लड़ाई थी वह फोकस नहीं थी, आज के हिंदुस्तान में विचारधारा की लड़ाई सबसे जरूरी लड़ाई हो गई है।"

राहुल गांधी ने आगे कहा, "अपनी विचारधारा को समझना चाहिए और फैलाना चाहिए वह पहले हम करते थे लेकिन अब छोड़ दिया। लेकिन अब समय आ गया है कि हमें अपनी विचारधारा को अपने संगठन में गहरा करना है। इसके लिए हमें 100-200-300-400 लोगों की जरूरत है जो इस विचारधारा को गहराई से समझें और अपनाएं, इस विचारधारा के बन जाएं।"

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