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असहिष्णुता से शुरू हुई ‘असहिष्णुता’ पर चर्चा

नयी दिल्ली: देश में असहिष्णुता की घटनाओं से उत्पन्न स्थिति के बारे में लोकसभा में आज असहिष्णुता के माहौल में चर्चा शुरू हुई जिसके कारण सदन की कार्यवाही करीब एक घंटे के लिए स्थगित करनी

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नयी दिल्ली: देश में असहिष्णुता की घटनाओं से उत्पन्न स्थिति के बारे में लोकसभा में आज असहिष्णुता के माहौल में चर्चा शुरू हुई जिसके कारण सदन की कार्यवाही करीब एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। नियम 193 के तहत इस विशेष चर्चा को शुरू करते हुए माकपा के मोहम्मद सलीम ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर एक पत्रिका के हवाले से कुछ गंभीर आरोप लगाये जिसका सिंह ने कड़ा प्रतिवाद करते हुए उसे खारिज किया। इस मामले को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच काफी समय तक गतिरोध बना रहा। गतिरोध समाप्त होता नहीं देख अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भोजनावकाश से 10 मिनट पहले ही सदन की बैठक लगभग एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।

सलीम ने पत्रिका के हवाले से कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत सरकार बनने के संबंध में आरएसएस से जुड़ी किसी बैठक में सिंह ने कुछ कहा था। गृह मंत्री ने इसका कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा, मैंने ऐसा कभी नहीं कहा। और इस आरोप से जितना आहत मैं आज हुआ हूं, उतना पहले कभी नहीं हुआ। जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है कि मैं जब भी बोलता हूं..नाप तौल कर बोलता हूं। सांसद सदस्य भी, यहां तक की अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी इस बात को जानते हैं। इस पर सलीम ने कहा कि वह गृह मंत्री को आहत नहीं करना चाहते हैं और न कोई लांछन लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वह एक पत्रिका में छपी एक बात को उद्धृत कर रहे हैं जो बहुत गंभीर है और गृह मंत्री को चाहिए था कि अगर यह सही नहीं है तब उन्हें इसका उसी समय खंड करना चाहिए था और पत्रिका और संबंधित रिपोर्टर के खिलाफ नोटिस देना चाहिए था। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि इस पूरे मामले पर उनकी व्यवस्था आने तक सलीम के पत्रिका के हवाले से कही गई किसी बात को कार्यवाही में शामिल नहीं किया जाए। चर्चा शुरू होने से पहले भी अध्यक्ष ने सदस्यों को ताकीद की थी कि यह बेहद महत्वपूर्ण विषय है और इस बारे में दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप होंगे और मेरा आग्रह है कि दोनों एक दूसरे की बात को सुन लें क्योंकि सबको बात रखने का मौका मिलेगा। और इससे देश को विश्वास होगा कि देश का नेतृत्व सही दिशा में जा रहा है।

इस बीच बीजद के भतृहरि माहताब ने सदन की कार्यवाही के एक नियम का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी सदस्य को किसी अन्य सदस्य के खिलाफ आरोप लगाने से पहले नोटिस देना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने भी माहताब की बात का समर्थन किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि पत्रिका में यह बात छपे कई सप्ताह हो चुके हैं और गृह मंत्री ने अब तक इसका खंडन क्यों नहीं किया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रतात रूडी ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर आरोप है और देश के गृह मंत्री के खिलाफ है। और जब तक सलीम इसकी सत्यता की पुष्टि होने तक इसे वापस नहीं लेते तब तक कार्यवाही चलाना कठिन होगा। सदन में काफी देर तक सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच टोकाटाकी जारी रहने के बीच अध्यक्ष ने सदन की बैठक भोजनावकाश से 10 मिनट पहले ही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।

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