नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और मणिपुर के प्रभारी प्रहलाद सिंह पटेल ने आरोप लगाया है कि सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला भले ही इबोबी सिंह के खिलाफ लड़ रही हों लेकिन वह कहीं-ना-कहीं राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के इशारे पर काम कर रही हैं। मध्य प्रदेश के दमोह लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद ने भाषा के साथ साक्षात्कार के दौरान कहा कि वह (शर्मिला) तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं लेकिन उनका कोई राजनीतिक वजूद नहीं है।
पटेल ने कहा कि शर्मिला ने बीच में आरोप लगाया कि भाजपा ने धन का लालच देकर उनसे संपर्क किया था। इस तरह की बातें करने का मतलब है कि वह गंभीर नहीं हैं। राजनीति में शुरआत में बतंगड़ पैदा करना अच्छी बात नहीं है। वह राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं है और यहां तक कि उनको अपने परिवार का समर्थन भी प्राप्त नहीं है। सामाजिक समर्थन तो दूर की बात है।
गौरतलब है कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्स्पा) को राज्य से हटाने की मांग को लेकर 16 वर्ष तक भूख हड़ताल पर रहने वाली शर्मिला ने पिछले वर्ष अगस्त में अपना अनशन खत्म किया था और विधानसभा चुनावों के प्रचार अभियान के दौरान भी उनकी पार्टी पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस एलायंस (पीआरजेए) की यही प्रमुख मांग है।
इस मुद्दे पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, राज्य में उग्रवाद की समस्या बहुत गंभीर है। अंतरराष्ट्रीय सीमाएं लगती हैं। बांग्लादेश की सीमा लगती है, म्यांमार की सीमा लगती है। बहुत सी अन्य ताकतें कार्य कर रही हैं। इतनी सारी जटिलताओं के कारण मुझे नहीं लगता है कि इस सवाल का जवाब हां या ना में देना उचित होगा। परिस्थिति के हिसाब से विचार किया जाना चाहिए।
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