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Hindi News भारत राजनीति लगता है मोहन भागवत ने सुप्रीम कोर्ट को अपने घर का घरौंदा समझ रखा है: मसूद अहमद

लगता है मोहन भागवत ने सुप्रीम कोर्ट को अपने घर का घरौंदा समझ रखा है: मसूद अहमद

मसूद अहमद ने कहा है कि ऐसा लगता है कि 'भारतीय संविधान' को भागवत ने कोई साधारण पुस्तक और सुप्रीम कोर्ट को अपने घर का घरौंदा समझ रखा है...

Mohan Bhagwat | PTI Photo- India TV Hindi Mohan Bhagwat | PTI Photo

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान 'अयोध्या में राम मंदिर के अतिरिक्त कुछ नहीं बनेगा' को हास्यापद करार दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा है कि ऐसा लगता है कि 'भारतीय संविधान' को भागवत ने कोई साधारण पुस्तक और सुप्रीम कोर्ट को अपने घर का घरौंदा समझ रखा है।

RLD प्रदेश अध्यक्ष अहमद ने कहा, ‘5 दिसंबर से सर्वोच्च न्यायालय में अयोध्या केस की सुनवाई दिन प्रतिदिन प्रारंभ होने जा रही है, जहां पर दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा। इस विचारणीय मुकदमें में मोहन भागवत कोई पक्षकार भी नहीं है और न ही कोई गवाह है। यह अवश्य है कि चुनाव के समय भाजपा का मुखौटा बनकर वोटो का ध्रुवीकरण राम मंदिर के बहाने करना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की जनता विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल तथा अन्य आनशंगिक संगठनों की भावना पहचान चुकी है। इन सभी वर्गो के मुखिया चुनाव के समय आस्था का राग अलापने लगते हैं और चुनाव के बाद इनकी आस्था सो जाती है।

अहमद ने कहा, ‘अयोध्या में मंदिर बनेगा अथवा मस्जिद या दोनों बनेंगे, यह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर आधारित है। जो लोग अभी से गलतबयानी कर रहे हैं वे निश्चित रूप से भारतीय संविधान में आस्था न रखने वाले लोग हैं और सच्चे अर्थो में वही देशद्रोही हैं।’ मसूद अहमद कहा कि सरकार को इन लोगों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करना चाहिए, ताकि जनता की भावना को भड़काना बंद हो सके।

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