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जम्मू-कश्मीर: मुश्किल में महबूबा, स्थापना दिवस पर खुलकर सामने आ गई PDP की बगावत

पीडीपी की प्रमुख और सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को बड़ा झटका देते हुए 6 विधायक पार्टी के स्थापना दिवस समारोह पर हो रही रैली में शामिल नहीं हुए।

जम्मू-कश्मीर: मुश्किल में महबूबा, स्थापना दिवस पर खुलकर सामने आ गई PDP की बगावत | PTI- India TV Hindi जम्मू-कश्मीर: मुश्किल में महबूबा, स्थापना दिवस पर खुलकर सामने आ गई PDP की बगावत | PTI

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी PDP की बगावत खुलकर सामने आ गई है। पीडीपी की प्रमुख और सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को बड़ा झटका देते हुए 6 विधायक पार्टी के स्थापना दिवस समारोह पर हो रही रैली में शामिल नहीं हुए। सिर्फ यही नहीं, विधायक अब्दुल मजीद ने कुलगाम में अलग से पार्टी का स्थापना दिवस मनाया और कहा कि असली पीडीपी हम हैं। गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से पार्टी के कई विधायकों ने बागी रुख अख्तियार किया हुआ है।

‘हम हैं असली पीडीपी’
शनिवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पीडीपी के स्थापना दिवस पर एक रैली का आयोजन किया था। महबूबा को उस समय करारा झटका लगा, जब उनकी पार्टी के 6 विधायकों ने इस रैली का बहिष्कार कर दिया। वहीं, पार्टी के विधायक अब्दुल मजीद ने कुलगाम में अलग से स्थापना दिवस मनाने के चलते पार्टी की बगावत खुलकर सामने आ गई। अब्दुल मजीद ने कुलगाम में पार्टी का स्थापना दिवस मनाते हुए यह ऐलान भी किया कि ‘हम ही असली पीडीपी’ हैं।

बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटते ही शुरू हुई थी बगावत
गौरतलब है कि प्रदेश में 3 साल से चली आ रही बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार से भगवा दल के समर्थन वापस लेते ही महबूबा की पार्टी में कोहराम मच गया। पार्टी के कई नेताओं ने महबूबा से खुलकर बगावत कर दी। यहां तक कि पीडीपी के बागी विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाने की बातें भी सियासी गलियारों में होने लगीं। हालांकि भाजपा ने यह कहकर इन बातों पर विराम लगा दिया कि वह फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन चाहती है।

महबूबा मुफ्ती ने दी थी बड़ी धमकी
जूम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भाजपा और पीडीपी के बागी विधायकों के सरकार बनाने की कोशिश की खबरों के बीच धमकाते हुए कहा था कि अगर किसी किस्म की तोड़-फोड़ की कोशिश हुई तो नतीजे बहुत ज्यादा खतरनाक होंगे। महबूबा ने कहा था कि 1987 में जो कुछ भी हुआ और जम्मू-कश्मीर में जिस तरह एक सलाहउद्दीन और एक यासीन मलिक ने जन्म लिया, इस बार नतीजे उससे भी ज्यादा खतरनाक और घातक होंगे।

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