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कर्नाटक : बोम्मई मंत्रिमंडल का विस्तार का आज, 29 विधायक लेंगे मंत्री पद की शपथ

बोम्मई की कैबिनेट में कुल 29 मंत्री होंगे। कैबिनेट में 8 लिंगायत, वोक्कालिंगा और ओबीसी से 7-7 मंत्री, 3 दलित, 1 एसटी और एक महिला मंत्री......

कर्नाटक : बोम्मई मंत्रिमंडल का विस्तार का विस्तार आज, 29 विधायक लेंगे मंत्री पद की शपथ- India TV Hindi Image Source : PTI कर्नाटक : बोम्मई मंत्रिमंडल का विस्तार का विस्तार आज, 29 विधायक लेंगे मंत्री पद की शपथ

 बेंगलुरु:  कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उनके मंत्रिमंडल का विस्तार बुधवार अपराह्र होगा।  बोम्मई की कैबिनेट में कुल 29 मंत्री होंगे। वहीं कैबिनेट में पूर्व मुख्यमंत्री बी एस युदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को शामिल नहीं किया गया है। कैबिनेट में 8 लिंगायत, वोक्कालिंगा और ओबीसी से 7-7 मंत्री, 3 दलित, 1 एसटी और एक महिला को मंत्री बनाया गया है।बोम्मई ने दिल्ली से लौटने पर बुधवार को कहा, ‘‘मैंने मंत्रिमंडल के संबंध में आलाकमान के साथ सोमवार और मंगलवार को विस्तृत चर्चा की।  

यहां हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के नए मंत्री आज अपराह्र सवा दो बजे शपथ लेंगे। बाद में विधानसौध में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘नेतृत्व के साथ विस्तृत चर्चा की गयी है, एक या दो मुद्दे अब भी लंबित हैं, उन्होंने कहा है कि वे सुबह दस बजे तक सूचित करेंगे, वे किसी भी वक्त सूचित कर सकते हैं। उसके तुरंत बाद मैं राजभवन में सूची भेजूंगा।’’ उन्होंने कहा कि इसके बाद जिन लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, उन्हें सूचित किया जाएगा। अंतिम वक्त तक भ्रम के बारे में बोम्मई ने कहा, ‘‘कोई भ्रम नहीं है, विचार-विमर्श चल रहा है, हमारी राष्ट्रीय पार्टी है।’’ 

उपमुख्यमंत्रियों की संख्या पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब सूची जारी होगी तो इन सारी जानकारियों का पता चल जाएगा। गत हफ्ते बी एस येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दल के नए नेता निर्वाचित हुए बोम्मई ने 28 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शपथ लेने के बाद बोम्मई दो बार दिल्ली गए। मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम मंजूरी देने के लिए बोम्मई और केंद्रीय नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में गहन विचार-विमर्श हुआ। 

मंत्रिमंडल का विस्तार करना नए मुख्यमंत्री की पहली बड़ी चुनौती मानी जा रही है क्योंकि उन्हें सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर गुटों के बीच संतुलन बनाकर रखना होगा। पार्टी में मंत्री पद के लिए पुराने और नए नेताओं समेत कई नेता दावेदार हैं। साथ ही कुछ ऐसे विधायक भी इस दौड़ में शामिल हैं जो 2019 में कांग्रेस-जनता दल(सेक्यूलर) गठबंधन छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। 

इनपुट-पीटीआई

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