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Hindi News भारत राजनीति भ्रष्टाचार के मामले में येदियुरप्पा, उनके बेटे, परिजनों और पूर्व मंत्री के खिलाफ नोटिस जारी

भ्रष्टाचार के मामले में येदियुरप्पा, उनके बेटे, परिजनों और पूर्व मंत्री के खिलाफ नोटिस जारी

यह मामला बेंगलोर विकास प्राधिकरण की एक आवासीय परियोजना के लिए कथित तौर पर रिश्वत प्राप्त करने से संबद्ध है।

BS Yediyurappa Corruption Case, Yediyurappa Corruption Case, Yediyurappa Court Notice- India TV Hindi Image Source : PTI इससे पहले विशेष अदालत ने येदियुरप्पा और सोमशेखर पर मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगने वाला मामला खारिज कर दिया था।

बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने आवासीय परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में मंगलवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, उनके बेटे एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र, उनके परिवार के सदस्यों, पूर्व मंत्री एसटी सोमशेखर और भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के खिलाफ नोटिस जारी किया। जस्टिस एस. सुनील दत्त यादव की एकल पीठ ने कार्यकर्ता टी. जे. अब्राहम की एक याचिका पर इन सभी के खिलाफ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। इस साल 8 जुलाई को विशेष अदालत द्वारा जारी आदेश को याचिका के जरिए चुनौती दी गई है।

बता दें कि विशेष अदालत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और तत्कालीन मंत्री सोमशेखर पर मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगने वाला मामला खारिज कर दिया था। यह मामला बेंगलोर विकास प्राधिकरण की एक आवासीय परियोजना के लिए कथित तौर पर रिश्वत प्राप्त करने से संबद्ध है। इस विषय पर कर्नाटक विधानसभा में भी उस वक्त चर्चा हुई थी, जब विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने एक अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और कुछ गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं, येदियुरप्पा और उनके बेटे ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि इस विषय में कोई सच्चाई नहीं है।

कार्यकर्ता टी. जे. अब्राहम ने येदियुरप्पा और अन्य लोगों पर बेंगलुरू विकास प्राधिकरण की एक आवासीय परियोजना में भ्रष्टाचार और उसमें उनकी ‘संलिप्तता’ के आरोप लगाते हुए अदालत से आग्रह किया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988, IPC की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध का ‘संज्ञान ले’ या किसी एजेंसी को निर्देश दे कि प्राथमिकी दर्ज करे और जांच करे। अदालत ने तब कहा था कि वैध मंजूरियों के बगैर निजी शिकायत पर सुनवाई नहीं हो सकती और इसलिए इसे खारिज किया जाता है। अब्राहम ने अदालत के फैसले पर कहा था कि वह आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे, जिसके बाद यह मामला हाई कोर्ट में आया।

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