नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी के लिए कई रास्ते खुल गए हैं। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी का राज्यसभा स्थिति सुधरेगी वहीं बीजेपी अपने पसंद से राष्ट्रपति चुन सकेगी। इस फेहरिस्त में लालकृष्ण आडवाणी का नाम आगे आ रहा है। इस वर्ष जुलाई में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं एक बैठक में अगले राष्ट्रपति के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता का नाम आगे किया। सूत्रों के मुताबिक गुजरात के सोमनाथ में हुई एक बैठक के दौरान पीएम मोदी ने आडवाणी का नाम आगे किया। बैठक में पीएम मोदी ने कथित रूप से कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी के लिए राष्ट्रपति का पद उनकी तरफ से 'गुरुदक्षिणा' होगी। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केशूभाई पटेल और लालकृष्ण आडवाणी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि सोमनाथ से ही मोदी का नेशनल करियर शुरु हुआ था। 1990 में आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या की यात्रा शुरू की थी, तब उन्होंने अपने सारथी के रूप में मोदी को प्रोजेक्ट किया था। यहीं से मोदी की नेशनल पॉलिटिक्स में एंट्री हुई थी। मोदी को गुजरात का सीएम बनवाने में भी आडवाणी का अहम रोल था। 2002 के गुजरात दंगों को लेकर मोदी से जब अटल बिहारी वाजपेयी नाराज हुए थे, तो उस वक्त भी आडवाणी ने मोदी का बचाव किया था।
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