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Hindi News भारत राजनीति 'कोई हमारे मुल्‍क की गोली से मरे तो वो ठीक, मिलिटेंट की गोली से मरे वो गलत'

'कोई हमारे मुल्‍क की गोली से मरे तो वो ठीक, मिलिटेंट की गोली से मरे वो गलत'

गौरतलब है कि परवेज अहमद की मौत सीआरपीएफ कर्मियों की गोलियों से उस वक्त हुई थी, जब सुरक्षाकर्मियों ने उसे एक सीमा चौकी के पास रुकने का संकेत दिया था, लेकिन वह अपना वाहन रोकने में विफल रहा था। 

Mehbooba Mufti once again targets Modi government- India TV Hindi Image Source : PTI महबूबा मुफ्ती ने आज एक बार फिर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आज एक बार फिर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। महबूबा ने ट्वीट कर कहा है कि कोई हमारे मुल्‍क की गोली से मरे तो वो ठीक है, मिलिटेंट की गोली से मरे वो गलत। महबूबा ने ट्वीट किया, "हाल ही में, CRPF ने SC समुदाय के एक व्‍यक्ति को गोली मार दी। हम उसके परिवार से मिलने गए लेकिन घर बंद था। ये कैसा सिस्‍टम है इनका, कोई हमारे मुल्‍क की गोली से मरे तो वो ठीक है, मिलिटेंट की गोली से मरे वो गलत।"

बता दें कि सीआपरीएफ के नाके को तोड़ कर भागते हुए मारे गए युवक परवेज अहमद के घर अनंतनाग जाने का प्रयास कर ही महबूबा मुफ्ती को पुलिस ने उसके घर में ही नजरबंद कर दिया था। श्रीनगर के गुपकार रोड स्थित महबूबा के घर के बाहर गेट पर ताला लगा दिया गया था जबकि वहां पर पुलिस की एक बंकर मोबाइल गाड़ी को भी खड़ा कर दिया गया ताकि कोई वहां आ जा न सके।

आतंकियों द्वारा गैर मुस्लिम लोगों को कश्मीर में मारे जाने पर चुप्पी साधने वाली महबूबा मुफ्ती सुरक्षाबलों की गोली से मारे गए युवक के घर संवेदना के नाम पर राजनीति करने का प्रयास करने जा रही थी। महबूबा ने अपनी नजरबंदी की जानकारी देते हुए ट्विट भी किया जिसमें उन्होंने दावा किया कि वह कई बार नजरबंद हुई है। वह सीआरपीएफ द्वारा मारे गए निर्दोष नागरिक के परिवार से मिलने जा रही थी। सरकार चाहती है कि हम चुनिंदा हत्याओं की निंदा करें।

गौरतलब है कि परवेज अहमद की मौत सीआरपीएफ कर्मियों की गोलियों से उस वक्त हुई थी, जब सुरक्षाकर्मियों ने उसे एक सीमा चौकी के पास रुकने का संकेत दिया था, लेकिन वह अपना वाहन रोकने में विफल रहा था। वह उसी दिन मारा गया था, जब शहर के ईदगाह इलाके में आतंकवादियों ने दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। महिला प्राचार्य और शिक्षक की मौत के बाद कश्मीर घाटी में पांच दिनों के भीतर आतंकवादियों द्वारा मारे गए नागरिकों की संख्या सात हो गई, जिनमें से चार अल्पसंख्यक समुदायों से थे।

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