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Hindi News भारत राजनीति प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के पक्ष में नहीं है CPI, चुनाव बाद चर्चा की बात कही

प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के पक्ष में नहीं है CPI, चुनाव बाद चर्चा की बात कही

CPI के एक शीर्ष नेता ने सोमवार को कहा कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव से पहले प्रस्तावित भाजपा विरोधी मोर्चे के लिए प्रधानमंत्री पद का दावेदार तय करने के पक्ष में नहीं है।

CPI Flag | Facebook Photo- India TV Hindi CPI Flag | Facebook Photo

हैदराबाद: DMK नेता एम के स्टालिन भले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्षी महागठबंधन का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बता रहे हों, लेकिन उनके इस प्रस्ताव से कई विपक्षी पार्टियां सहमत नहीं दिख रहीं। इन्हीं में से एक है भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जिसका मानना है कि ऐसा करने से दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। पार्टी के एक शीर्ष नेता ने सोमवार को कहा कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव से पहले प्रस्तावित भाजपा विरोधी मोर्चे के लिए प्रधानमंत्री पद का दावेदार तय करने के पक्ष में नहीं है।

दरअसल, CPI का तर्क है कि कई उम्मीदवार होने से चुनावी संभावनाओं पर बुरा असर हो सकता है। रविवार को DMK अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम विपक्षी गठबंधन के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तावित किया था। CPI महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने बताया, ‘अगर किसी को दावेदार के तौर पर पेश किया जाता है, तो हम कुछ नहीं कर सकते। हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं।’ स्टालिन की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है, किसे प्रधानमंत्री होना चाहिए, इस पर चर्चा चुनाव के बाद होनी चाहिए।’

उन्होंने कहा कि स्टालिन ने राहुल का नाम इसलिए प्रस्तावित किया होगा कि वह सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के अध्यक्ष हैं। रेड्डी ने कहा, ‘हर व्यक्ति के पास अपना विचार है। हमारी पार्टी पहले भी यह कह चुकी है, इसका निर्णय चुनाव के बाद होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि पार्टी की राय यह है कि अगर प्रधानमंत्री का निर्णय चुनाव के बाद होगा तो यह सबसे अधिक सुविधाजनक होगा।

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