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Hindi News भारत राजनीति हार के बाद पहली बार बोले राहुल, 'पार्टी में ढांचागत बदलाव की जरूरत, चुनाव नतीजे बुरे नहीं'

हार के बाद पहली बार बोले राहुल, 'पार्टी में ढांचागत बदलाव की जरूरत, चुनाव नतीजे बुरे नहीं'

नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि पार्टी में ढांचागत और सांगठनिक बदलाव की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि विधानसभा चुनाव के नतीजे बुरे नहीं हैं हालांकि उत्तर

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नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि पार्टी में ढांचागत और सांगठनिक बदलाव की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि विधानसभा चुनाव के नतीजे बुरे नहीं हैं हालांकि उत्तर प्रदेश में पार्टी कुछ नीचे रही।

उत्तर प्रदेश में अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा मुख्य रूप से ध्रुवीकरण के कारण विजयी हुयी। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सपा के साथ गठबंधन कर लड़ा था। लेकिन 403 सदस्यीय विधानसभा में उसे सिर्फ सात सीटें ही मिलीं।

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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद उनके नेतृत्व पर उठ रहे सवालों के बीच राहुल ने पार्टी के भीतर बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने पर बल दिया और उन क्षेत्रीय नेताओं की भूमिका की सराहना की जो चुनाव लड़े और विजेता के रूप में उभरे।

उन्होंने कहा, जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है, हमें ढांचागत और सांगठनिक बदलावों की जरूरत है और यह एक तथ्य है। वह 11 मार्च को घोषित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पंजाब में सरकार बनायी और मणिपुर तथा गोवा में चुनाव जीते। यह कोई खराब नतीजा नहीं है। यह सच है कि हम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चुनाव हार गए। राहुल ने कहा कि हर पार्टी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हम उत्तर प्रदेश में कुछ नीचे गए हैं, हम इसे स्वीकार करते हैं। लेकिन भाजपा के साथ हमारी वैचारिक लड़ाई है और हम इसे जारी रखेंगे।

राहुल ने भगवा दल को उसकी जीत पर बधाई दी लेकिन उस पर मतों के ध्रुवीकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि भाजपा उत्तर प्रदेश में चुनाव जीती और मैं उन्हें बधाई देना चाहूंगा। वे क्यों जीते, इसके कई कारण हैं। इसका इससे बड़ा हिस्सा धुव्रीकरण है। लेकिन सच्चाई यही है कि वे चुनाव जीते।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस कई राज्यों में चुनाव हार चुकी है। विभिन्न चुनावी हार के बाद कई तबकों से पार्टी के पुनर्गठन तथा रणनीति में बदलाव की मांग उठती रही है।

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