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नोटबंदी: मोदी सरकार के खिलाफ कल की बैठक से पहले विपक्षी एकता में दरार

नई दिल्ली: नोटबंदी और प्रधानमंत्री के कथित व्यक्तिगत भ्रष्टाचार पर हमला तेज करने के लिए कांग्रेस द्वारा कल बुलायी गयी बैठक से पहले ही विपक्षी एकता में दरार दिखने लगी है और वाम दलों के

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नई दिल्ली: नोटबंदी और प्रधानमंत्री के कथित व्यक्तिगत भ्रष्टाचार पर हमला तेज करने के लिए कांग्रेस द्वारा कल बुलायी गयी बैठक से पहले ही विपक्षी एकता में दरार दिखने लगी है और वाम दलों के साथ जदयू के भी इसमें शामिल नहीं होने के आसार हैं। वामदल ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे इस बैठक से दूर रहेंगे वहीं जदयू ने भी संकेत दिया है कि वह भी ऐसा ही कदम उठा सकती है। बिहार में जदयू नीत नीतीश कुमार सरकार में कांग्रेस भी शामिल है।

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सपा और बसपा की ओर से अभी कोई बात नहीं कही गयी है। राकांपा की ओर से तारिक अनवर को इसमें शामिल होना था लेकिन पिछले दिनों पटना में उनकी मां का निधन हो गया और उन्हें दिल्ली आने का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक में कई दलों के शामिल नहीं होने की योजना को तवज्जो नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि विपक्षी दलों की बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कुछ दलों के एकसाथ मंच पर नहीं आने के लिए स्थानीय और क्षेत्रीय बाध्यताओं का भी जिक्र किया।

रमेश ने दार्शनिक अंदाज में कहा, जो कोई आते हैं, वे कल आएंगे। जो नहीं आते, वे अगली बार आएंगें। जो लोग आएंगे, आप उन्हें कल देखेंगे। उन्होंने हालांकि इस बात को खारिज कर दिया कि कल होने वाली बैठक वैसी ही चाय पार्टी है जैसी 1998 में हुयी थी और अंतत: तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार गिर गयी थी। रमेश ने कहा, सबसे बड़ा मुद्दा आज नोटबंदी है और दूसरा मुद्दा प्रधानमंत्री का भ्रष्टाचार है, कल की बैठक में ये प्रमुख मुद्दे होंगे। बैठक के एक दिन पहले, राहुल गांधी ने आज अपने आवास पर कांग्रेस के सभी महासचिवों और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों के साथ बैठक कर स्थिति पर विचार विमर्श किया।

नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कल की बैठक की तुलना 2003 के शिमला सम्मेलन से की जिसमें कांग्रेस ने तत्कालीन वाजपेयी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए धर्मनिरपेक्ष बलों के बीच एकता पर जोर दिया था। इस बैठक को कांग्रेस द्वारा उस दरार को भरने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है जो नोटबंदी मुद्दे पर 16 दिसंबर को संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति भवन मार्च में उभरी थी। कई विपक्षी दल उस मार्च में शामिल नहीं हुए थे। वे लोग उसी दिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के किसानों की समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात करने पर नाराज थे।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कोलकाता में कहा, हमने कांग्रेस द्वारा आयोजित विपक्षी दलों के संवाददाता सम्मेलन से दूर रहने का फैसला किया है क्योंकि विभिन्न दलों के बीच उचित सलाह-मशविरा और समन्वय नहीं किया गया है। सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी कल की बैठक में शामिल होंगी। उल्लेखनीय है कि नोटबंदी मुद्दे पर वह सरकार की मुखर विरोधी रही हैं। सूत्रों ने कहा कि वह कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि द्रमुक और राजद के प्रतिनिधियों सहित विपक्षी नेतागण इसमें शामिल होंगे।

येचुरी ने कहा, अधिकतर दलों के साथ न तो सलाह मशविरा किया गया और न ही बैठक के एजेंडा के बारे में सूचित किया गया। जिस तरह से बैठक बुलायी गयी है, उससे कई दलों को आपत्ति है। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक का एजेंडा तथा तारीख तय किए जाने के संबंध में और उचित तरीके से सलाह मशविरा किया जाना चाहिए था। जदयू प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा, बैठक का कोई एजेंडा नहीं है, यहां तक कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम भी नहीं है। इसके किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की संभावना नहीं है।

विपक्षी दलों की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब नरेंद्र मोदी सरकार ने अपना आधा कार्यकाल पूरा कर लिया है और सत्तारूढ़ भाजपा उत्तर प्रदेश मे सत्ता में आने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। कांग्रेस राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ व्यक्तिगत भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोपों के मुद्दे पर विपक्षी दलों के बीच एकता का प्रयास कर रही है। उसकी योजना 27 दिसंबर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने की है।

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