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PM मोदी ने इमरान खान से कहा- पाक के साथ रचनात्मक वार्ता के लिए भारत तैयार

इमरान खान ने बीते शुक्रवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नवनिर्वाचित पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान को पत्र लिख कर कहा है कि भारत उनके देश के साथ रचनात्मक और सार्थक बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मोदी ने आतंकवाद से मुक्त दक्षिण एशिया के लिए काम करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने यह पत्र 18 अगस्त को लिखा, जिस दिन खान ने पाकिस्तान के 22 वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए दोनों देशों के बीच अच्छे पड़ोसी संबंधों के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

इस्लामाबाद में, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सभी लंबित मुद्दों के हल के लिए भारत के साथ ‘‘अबाधित’’ वार्ता की पेशकश की और कहा कि यह "एकमात्र बुद्धिमत्तापूर्ण तरीका’’ है क्योंकि दोनों देश जोखिम नहीं उठा सकते हैं। मोदी ने 30 जुलाई को आम चुनावों में खान की पार्टी की जीत पर उन्हें बधाई देने के लिए फोन किया था और उम्मीद जतायी थी कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करने के लिए काम करेंगे। मोदी के फोन कॉल से कुछ दिन पहले, खान ने कहा था कि वह भारत के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं और बातचीत के जरिए सभी मुद्दों को हल करना चाहते हैं। "अगर भारत हमारी ओर एक कदम उठाता है, तो हम दो कदम उठाएंगे।’’

सूत्रों ने पत्र के हवाले से कहा कि मोदी ने खान के साथ टेलीफ़ोन पर हुयी बातचीत का जिक्र किया जिसमें उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में शांति, सुरक्षा और खुशहाली लाने के लिए अपनी साझा दृष्टि की बात की थी। प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में यह विश्वास जताया कि पाकिस्तान में सुगमता से सत्ता हस्तांतरण होने से लोकतंत्र के प्रति लोगों की धारणा और मजबूत होगी। एक सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे पड़ोसी संबंध बनाने और सार्थक तथा रचनात्मक बातचीत की भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

जनवरी 2016 से पाकिस्तान आधारित आतंकी समूहों द्वारा भारतीय सैन्य अड्डों पर आतंकवादी हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में और खटास आ गयी। हमलों के बाद भारत ने घोषणा की कि वह पाकिस्तान के साथ वार्ता में शामिल नहीं होगा और आतंकवाद और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते। यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी के पत्र से दोनों पड़ोसियों के बीच फिर से बातचीत शुरू होने की उम्मीद पुनर्जीवित हुई है, पूर्व राजनयिक विवेक काटजू ने कहा कि उन्होंने भारत का रूख दोहराया है और यह पाकिस्तान पर है कि वह आतंकवादी समूहों पर कड़ी कार्रवाई कर बातचीत के लिए माहौल तैयार करे। काटजू ने कहा कि भारत हमेशा पाकिस्तान से साथ बातचीत के लिए तैयार रहा है बशर्ते पाकिस्तान आतंकवाद रहित माहौल बनाए।

मोदी ने दिसंबर 2015 में लाहौर की यात्रा की थी और इसके बारे में पहले से घोषणा नहीं की गयी थी। 10 साल से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पाकिस्तान की यह पहली यात्रा थी। इस यात्रा से संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी थी लेकिन अगले कुछ महीनों में भारतीय प्रतिष्ठानों पर सीमा पार से आतंकवादी हमलों तथा भारत के लक्षित हमलों से द्विपक्षीय संबंधों में और तनाव आ गया था।

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