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PM मोदी ने किया नोटबंदी का बचाव, विपक्ष गुस्से में

नई दिल्ली: देश में नकदी का अभूतपूर्व संकट पैदा करने वाली नोटबंदी के एक महीने पूरे होने पर गुरुवार को विपक्षी नेताओं ने नोटबंदी की कड़ी आलोचना की लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने फैसले

Narendra Modi- India TV Hindi Image Source : PTI Narendra Modi

नई दिल्ली: देश में नकदी का अभूतपूर्व संकट पैदा करने वाली नोटबंदी के एक महीने पूरे होने पर गुरुवार को विपक्षी नेताओं ने नोटबंदी की कड़ी आलोचना की लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि नोटबंदी का दीर्घकालिक फायदा होगा।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, "मैंने हमेशा कहा है कि सरकार के इस उपाय से लोगों को कई तरह की परेशानी होगी, लेकिन अल्पकालिक परेशानी दीर्घकालिक लाभ का मार्ग प्रशस्त करेगी।" उन्होंने कई ट्वीट किए।

उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार, आतंकवाद तथा काले धन के खिलाफ इस यज्ञ में हिस्सा लेने के लिए मैं देश की जनता का दिल से आभार प्रकट करता हूं।"

मोदी ने कहा, "इस फैसले से हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले किसानों, व्यापारियों, मजदूरों को कई फायदे होंगे।"

आज से एक महीने पहले आठ नवंबर की मध्य रात्रि से 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम का उद्देश्य भ्रष्टाचार, काला धन, आतंकवाद का वित्तपोषण तथा नकली नोटों से निपटना है।

मोदी ने कहा, "कैशलेस भुगतान में इजाफा करने तथा अर्थव्यवस्था में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को शामिल करने का हमारे पास यह ऐतिहासिक मौका है।"

उन्होंने युवाओं से देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने तथा अधिक से अधिक कैशलेस भुगतान सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें साथ मिलकर सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत काले धन को परास्त करे। यह गरीबों, नए मध्यम वर्ग को सशक्त करेगा और आने वाली पीढ़ी के लिए फायदेमंद होगा।"

उधर विपक्षी दलों ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के पास नोटबंदी के एक माह पूरे होने को 'काला दिवस' के रूप में मनाया।

कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका नोटबंदी का फैसला साहसी नहीं बल्कि मूर्खतापूर्ण है।

राहुल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ई-वॉलेट सेवा पेटीएम का मतलब 'पे टू मोदी' है।

राहुल ने कहा, "प्रधानमंत्री ने यह फैसला कुछ गिने-चुने लोगों के लिए लिया है और इसके लिए प्रत्येक विशेषज्ञ की राय को दरकिनार कर दिया गया और प्रधानमंत्री ने यह कथित साहसी फैसला लिया।

उन्होंने कहा, "लेकिन साहसी फैसले मूर्खतापूर्ण भी हो सकते हैं और इस मूर्खतापूर्ण फैसला ने देश को बर्बाद कर दिया है।"

नोटबंदी को 'मानव निर्मित तबाही' करार देते हुए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरुवार को कहा कि इसने गरीबों की कीमत पर केवल धनवानों को और धनवान बनाया है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अपने चार घोषित लक्ष्यों को हासिल करने में नाकाम रही है। एक माह पहले जब नोटबंदी की घोषणा की गई थी तो कहा गया था कि इसके निशाने पर भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद के लिए वित्तपोषण और जाली मुद्रा होंगे।

येचुरी ने फेसबुक पर लिखा है कि इन घोषित चार लक्ष्यों में से सभी तथ्यात्मक रूप से और अनुभवजन्य जमीनी हकीकत के नजरिए से भी गलत साबित हुए हैं।

येचुरी ने कहा कि नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था पर विराम लगा दिया। समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो इस तुगलकी फरमान से हुई बेचैनी, कठिनाई और कष्ट से अछूता रहा हो।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कारपोरेट के 1.12 लाख करोड़ रुपये जो बैंकों का कर्ज नहीं लौटा है, उसे पिछले दो वर्षो में बट्टे खाते में डलवा चुकी है।

येचुरी ने कहा, "मोदी सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्ग की कीमत पर धनी को और धनी बनाया है। "

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी गुरुवार को प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने 90 लोगों की जान ले ली है।

ममता ने एक ट्वीट में कहा, "नोटबंदी की जब से घोषणा हुई है 90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। और कितने मोदी बाबू?"

उन्होंने उन 90 लोगों के नामों की सूची जारी की जो बैंक या एटीएम की कतारों में लगने से मर गए या जिन्होंने नोटबंदी के बाद नकदी के अभाव में आत्महत्या कर ली।

इस बीच गोवा में भाजपा सरकार की सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के अध्यक्ष दीपक धावालिकर ने कहा है कि नोटबंदी ने लोगों को मुसीबत में डाल दिया।

उन्होंने कहा कि कालाधन निकालने का विचार अच्छा है लेकिन जिस तरह से नोटबंदी लागू की गई उसने जनता को कष्ट में डाल दिया है।

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