A
Hindi News भारत राजनीति उत्तराखंड संकट: राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार, बागी विधायकों की सदस्यता रद्द

उत्तराखंड संकट: राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार, बागी विधायकों की सदस्यता रद्द

मुख्यमंत्री हरीश रावत के विश्वास मत परीक्षण से पहले राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार कर रहा है और ऐसी खबरें है कि विधानसभाध्यक्ष ने 9 बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया है जिससे विधानसभा का अंकगणित पूरी तरह बदल जाएगा।

harish rawat- India TV Hindi harish rawat

नई दिल्ली: उत्तराखंड के राजनीतिक संकट ने आज देर रात एक नया मोड़ ले लिया, क्योंकि केंद्र सोमवार को होने जा रहे कांग्रेस के मुख्यमंत्री हरीश रावत के विश्वास मत परीक्षण से पहले राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार कर रहा है और ऐसी खबरें है कि विधानसभाध्यक्ष ने 9 बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया है जिससे विधानसभा का अंकगणित पूरी तरह बदल जाएगा। कांग्रेस के उन 9 विधायकों को अयोग्य ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के कथित फैसले से 70 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की प्रभावी संख्या 61 रह जाएगी।

इन 9 विधायकों ने रावत के खिलाफ बगावत की और भाजपा से हाथ मिला लिया। ऐसे में रावत के पास छह समर्थकों के अलावा 27 कांग्रेस विधायक होंगे और इस तरह सदन में सत्तापक्ष के पास 33 विधायक हौंगे। ऐसी स्थिति में रावत विश्वासमत परीक्षण जीत जायेंगे। हालंाकि इस स्थिति में एक अग्यात कारक यह है कि केंद्र की मोदी सरकार विश्वास मत परीक्षण से पहले क्या करती है।

केंद्र सरकार को विधायकों के बगावत से उत्पन्न राज्य की नवीनतम स्थिति के बारे में राज्यपाल के के पॉल से रिपोर्ट मिल गयी है। असम की यात्रा संक्षिप्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलायी जो उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने समेत केंद्र के सामने उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के लिए करीब एक घंटे चली।

वैसे इस बैठक में क्या चर्चा हुई, इसके बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल अंतिम निर्णय लेने के लिए कल फिर बैठक करेगा। वैसे इधर जब केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक चल रही थी तब रावत ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से उनके आवास पर भेंट की।

Latest India News