पंजाब विधानसभा चुनाव: कांग्रेस का वोट शेयर 2012 से कम, सीटें ज्यादा
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं। पंजाब में जहां कांग्रेस को बहुमत मिला है, वहीं मणिपुर और गोवा में वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
चंडीगढ़: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं। पंजाब में जहां कांग्रेस को बहुमत मिला है, वहीं मणिपुर और गोवा में वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। पंजाब में तो कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद ही शानदार रहा है और पार्टी ने 77 सीटें जीतकर जबर्दस्त कामयाबी हासिल की है। लेकिन क्या आपको पता है कि पंजाब में कांग्रेस को इस बार 2012 के चुनावों के मुकाबले कम वोट मिले हैं?
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जी हां, इस बार के विधानसभा चुनावों में 2012 के मुकाबले कम वोट लेकर भी कांग्रेस बहुमत हासिल करने में कामयाब हुई है। आइए, जानते हैं पिछली बार और इस बार के विधानसभा चुनावों के वोट शेयर के गणित के बारे में..
कांग्रेस: 2012 बनाम 2017
2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 40.09 प्रतिशत वोट मिले थे और पार्टी ने 46 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को 38.5 प्रतिशत वोट मिले और इसने 77 सीटों पर जीत हासिल की। 2012 के मुकाबले कम वोट लाने के बावजूद पार्टी ज्यादा सीटें जीतकर इस बार पंजाब में सरकार बनाने जा रही है।
पंजाब में विभिन्न पार्टियों का वोट शेयर। (eciresults.nic.in)
आम आदमी पार्टी: 2012 बनाम 2017
आम आदमी पार्टी ने पहली बार पंजाब विधानसभा चुनावों में शिरकत की और 23.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सीटों की बात की जाए तो पार्टी को इन चुनावों में 20 सीटों पर कामयाबी मिली और वह सीटों के मामले में कांग्रेस के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि पार्टी 2014 के लोकसभा चुनावों का प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई जब उसे राज्य में 24.4 प्रतिशत वोट मिले थे और वह 33 विधानसभा सीटों पर सबसे आगे रही थी।
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शिरोमणि अकाली दल: 2012 बनाम 2017
पंजाब में वोट शेयर के मामले में शिरोमणि अकाली दल को बड़ा नुकसान हुआ है। 2012 के विधानसभा चुनावों की तुलना में अकाली दल को लगभग 10 प्रतिशत कम वोट मिले और पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा। शिरोमणि अकाली दल ने 2012 के विधानसभा चुनावों में 34.73 प्रतिशत वोटों के साथ 56 सीटों पर कब्जा जमाया था। जबकि 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को 25.2 प्रतिशत वोट मिले और सीटें आईं सिर्फ 15।
भारतीय जनता पार्टी: 2012 बनाम 2017
2012 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 7 प्रतिशत वोट मिले थे और पार्टी ने 12 सीटें जीतने में कामयबी हासिल की थी। वहीं, 2017 के चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर घटकर 5.4 प्रतिशत रह गया और पार्टी की सीटों की संख्या भी घटकर 3 हो गई।