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Hindi News भारत राजनीति 'MeToo को लेकर चर्चा में रहा था चरणजीत सिंह चन्नी का नाम', बीजेपी नेता अमित मालवीय का आरोप

'MeToo को लेकर चर्चा में रहा था चरणजीत सिंह चन्नी का नाम', बीजेपी नेता अमित मालवीय का आरोप

पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का नाम MeToo मामले को लेकर भी चर्चा में रहा था। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने चन्नी के MeToo मामले को लेकर ट्वीट करते हुए राहुल गांधी पर तंज कसा है।

'MeToo को लेकर चर्चा में रहा था चरणजीत सिंह चन्नी का नाम', बीजेपी नेता अमित मालवीय का आरोप- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK 'MeToo को लेकर चर्चा में रहा था चरणजीत सिंह चन्नी का नाम', बीजेपी नेता अमित मालवीय का आरोप

नई दिल्ली। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का नाम MeToo मामले को लेकर भी चर्चा में रहा था। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने चन्नी के MeToo मामले को लेकर ट्वीट करते हुए राहुल गांधी पर तंज कसा है। भाजपा ने चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस द्वारा पंजाब का मुख्यमंत्री चुनने पर उन खबरों को हवाला देते हुए निशाना साधा है, जिनमें उनपर वर्ष 2018 में एक आईएएस अधिकारी को अनुचित संदेश भेजने का आरोप लगा था। भाजपा नेता और पार्टी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस ने चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना, जिन्होंने तीन साल पुराने ‘मीटू’ मामले में कार्रवाई का सामना किया था। उन्होंने कथित तौर पर वर्ष 2018 में एक महिला आईएएस अधिकारी को अनुचित संदेश भेजा था। उस मामले को दबा दिया गया था, लेकिन पंजाब महिला आयोग द्वारा नोटिस भेजने के बाद दोबारा सामने आया। बहुत बढ़िया, राहुल।’’ 

यह मामला इस साल मई में उस समय दोबारा सामने आया, जब पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष ने धमकी दी कि अगर एक हफ्ते के भीतर राज्य सरकार चन्नी द्वारा ‘अनुचित संदेश’ भेजने के मामले पर अपना रुख साफ नहीं करेगी तो वह अनशन पर चली जाएंगी। उस समय चन्नी अमरिंदर सरकार में मंत्री थे। पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने कहा था कि उन्होंने सरकार की कार्रवाई रिपोर्ट के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।

मालवीय ने इस साल मई में प्रकाशित खबर भी साझा की है, जिसमें कहा गया है कि निवर्तमान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर पार्टी के भीतर मौजूद उनके विरोधियों ने उनपर पुराने मामलों को लेकर परेशान करने का आरोप लगाया था। वर्ष 2018 के आरोपों के बाद पंजाब महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान नेते हुए सरकार से मामले पर उसका रुख पूछा था। उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चन्नी को महिला अधिकारी से माफी मांगने को कहा था।

उन्होंने कहा था कि उनका मानना है कि इस मामले का समाधान महिला अधिकारी के संतुष्ट होने के साथ हो गया है। गौरतलब है कि चन्नी को रविवार को पंजाब कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया और वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। वह अमरिंदर सिंह की जगह लेंगे, जिन्होंने राज्य इकाई में खींचतान की वजह से शनिवार को इस्तीफा दे दिया था।  अब जब चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे हैं तो फिर इस बात की पूरी संभावना है कि मामला गर्माएगा क्योंकि चन्नी का नाम सामने आते ही मीटू का मामला खड़ा कर दिया है।

सोमवार सुबह 11 बजे चन्नी लेंगे सीएम पद की शपथ

चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नए सीएम होंगे। चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंप दिया है। चरणजीत सिंह चन्नी सोमवार (20 सितंबर) सुबह 11 बजे पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। चंडीगढ़ में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में चरणजीत सिंह चन्नी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट किया, 'चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस की विधायक दल की मीटिंग में एकमत से सीएम बनाए जाने का फैसला लिया गया है।' पंजाब में ये पहली बार होगा जब दलित नेता को राज्य की कमान सौंपी गई है।

जानिए चरणजीत सिंह चन्नी के बारे में

चरणजीत सिंह चन्नी का जन्म 2 अप्रैल 1973 को चमकौर साहिब में हुआ था। चरणजीत सिंह चन्नी की पत्नी का नाम कमलजीत कौर है। चरणजीत सिंह चन्नी की 2 संतान हैं। चरणजीत सिंह चन्नी के बच्चों के नाम नवजीत सिंह और रिदमजीत सिंह है। चरणजीत सिंह चन्नी के बारे में बता दें कि वह राज्य की चामकौर साहिब विधानसभा से कांग्रेस के विधायक हैं। चरणजीत सिंह चन्नी इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। अमरिंदर सिंह की सरकार में चरणजीत सिंह चन्नी के पास तकनीकी शैक्षिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब में कांग्रेस का सबसे बड़ा दलित चेहरा है। कुछ दिनों पहले अकाली दल ने वादा किया था कि अगर पंजाब में उनकी सरकार बनती है तो वह किसी दलित को उपमुख्यमंत्री बनाएंगे। ऐसे में कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर अकाली दल के उस चुनावी वादे का तोड़ निकाल लिया है। इससे कांग्रेस को उम्मीद है कि अगले विधानसभा चुनाव में दलित उनको ही वोट करेंगे।

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