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Hindi News भारत राजनीति क्या राजेंद्र सिंह बिहार के मनोहर खट्टर साबित होंगे'

क्या राजेंद्र सिंह बिहार के मनोहर खट्टर साबित होंगे'

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नेता का नाम सामने नहीं किया और चुनाव सिर्फ़ और सिर्फ़ नरेंद्र मोदी को सामने रखकर लड़ी है।

रामेश्वर प्रसाद चौरसिया: रोहतास जिले के नोखा विधानसभा से विधायक चौरसिया पीएम नरेंद्र मोदी के साथ साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के भी काफी करीबी माने जाते रहे हैं। पार्टी में उनकी छवि भी काफी अच्छी है। चौरसिया ने गुजरात में नरेंद्र मोदी के लिए काफी काम किया था। रामेश्वर पिछले चार बार से विधायक हैं। अति पिछड़े वर्ग से आने के कारण जातीय समीकरण को साधने के लिहाज से भी इनके नाम पर आम सहमति बन सकती है।

रविशंकर प्रसाद: नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री रविशंकर प्रसाद बिहार बीजेपी के उन नेताओं में शामिल हैं जो राष्ट्रीय राजनीति में अहम स्थान रखते हैं। अगर बीजेपी के प्रदेश स्तरीय नेताओं में किसी एक पर बात नहीं बनी तो लंबे समय से मीडिया में बीजेपी का चेहरा रहे रविशंकर बिहार में एनडीए का चेहरा बन सकते हैं।  

नंदकिशोर यादव: बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव बीजेपी में एकलौते यादव जाति के बड़े नेता है। यादवों का बिहार की राजनीति में अच्छा-खासा प्रभाव है। नीतीश सरकार में नंदकिशोर यादव को बढ़िया काम करने वाले मंत्री का खिताब भी मिल चुका है। बिहार में यादवों का करीब 20 फीसदी वोट है।

शाहनवाज़ हुसैन: शाहनवाज़ बीजेपी के सबसे अहम मुस्लिम चेहरा हैं और अल्पसंख्यकों को साथ रखने के लिए यह एक अहम कदम हो सकता है। नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक वोट छिटकने के डर से ही नरेंद्र मोदी के कारण बीजेपी का साथ छोड़ने का फैसला किया था। मोदी सरकार में शाहनवाज़ को मंत्री नहीं बनाने के फैसले को भी इससे कहीं न कहीं जोड़कर देखा जा रहा है।

गिरिराज सिंह: नरेंद्र मोदी का कट्टर समर्थक होना गिरिराज सिंह की सबसे बड़ी राजनीतिक पूंजी है वे उस दौर में भी नरेंद्र मोदी के पक्ष में आवाज़ बुलंद करते थे जब जेडीयू से गठबंधन के कारण बिहार के ज्यादातर बीजेपी नेता मोदी के सवाल पर चुप रहना पसंद करते थे। बीजेपी को अगर हिन्दू वोटों को गोलबंद की ज़रूरत पड़ी तो वह गिरिराज को आगे कर सकती है।

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