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UP Election: आरक्षण पर RSS के बयान ने बीजेपी की बढ़ाई मुश्किलें

आरएसएस प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के आरक्षण खत्म करने के बयान से हंगामा खड़ा हो गया। मामला तूल पकड़ते ही वैद्य और संघ की ओर से सफाई देने का सिलसिला तो शुरु हो गया लेकिन विपक्षी

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आरएसएस प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के आरक्षण खत्म करने के बयान से हंगामा खड़ा हो गया। मामला तूल पकड़ते ही वैद्य और संघ की ओर से सफाई देने का सिलसिला तो शुरु हो गया लेकिन विपक्षी दलों ने संघ के साथ ही बीजेपी पर हल्ला बोल दिया है।

आपको बता दें कि मनमोहन वैद्य ने जयपुर लिटरेरी फ़ेस्टिवल में कहा था, ''सबको अवसर अधिक दिए जाएं... शिक्षा अधिक दी जाए..इसका प्रयत्न करना चाहिए..इसके आगे आरक्षण देना थोड़ा अलगाववाद को बढ़ाने की बात है, ऐसा लगता है..शेड्यूल कास्ट, शेड्यूल ट्राइब का पिछड़ा रहने के पीछे वर्षों से किया गया अन्याय है..ऐसा अन्य स्थान पर नहीं है..इसलिए उसका उपाय अन्य तरह से ढूंढना अधिक अच्छा रहेगा, ऐसा लगता है।''
 
संघ के बड़े नेता की जुबान से आरक्षण के खिलाफ निकले इस बयान ने ऐसी चिंगारी सुलगाई कि चुनावी मौसम में देश की सियासत में भूचाल आ गया। यूपी चुनाव के ठीक पहले इस तरह का बयान ज़ाहिर है बीजेपी के लिए अच्छी ख़बर नही है क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव के वक़्त भी RSS प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण विरोधी बयान दिया था और इसका बीजेपी पर विपरीत प्रभाव पड़ा था। 

मामला बिगड़ता देख RSS को चार-चार बार सफाई देनी पड़ी। मनमोहन वैद्य ने फेस्टिवल से लौटने के बाद घर पहुंचकर देर रात पूरी मीडिया को बुलाकर सफाई दी और कहा कि आरक्षण तो दलितों का अधिकार है।   

लाख सफाई के बावजूद सच तो ये है कि तीर निकल चुका है और उधर विपक्ष ने भी तलवारें भांज ली हैं। बिहार में इसी आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने वाले लालू यादव ने कहा कि बिहार में बीजेपी को रगड़-रगड़ के धोया है, शायद कुछ धुलाई बाकी रह गई थी जो अब यूपी जमकर करेगा। सामने आये । कांग्रेस के नेता भी सामने आए और कहा कि बीजेपी के आरक्षण की नीति एक बार फिर बेपर्दा हो चुकी है 

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि संविधान व देशहित में आरएसएस को अपनी गलत व जातिवादी मानसिकता बदलने की सख्त जरूरत है। मायावती ने अपने बयान में कहा कि बसपा आरएसएस की आरक्षण संबंधी गैर-संवैधानिक सोच को कभी सफल नहीं होने देगी।

बहरहाल, RSS का ये बयान आगामी विधानसभा चुनावों में क्या गुल खिलाएगा ये तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे लेकिन एक नज़र डालते हैं यूपी और पंजाब में दलितों और OBC पर।

-यूपी में 21 फीसदी दलित 40 फीसदी ओबीसी हैं। 
-पंजाब में 30 फीसदी दलित वोट हैं। ( ऐसा जानकार मानते हैं) 
-यूपी के दलितों में गैर-जाटव पर बीजेपी की पकड़ है। 
-ग़ैर-जाटव का 10 फीसदी वोटबैंक बीजेपी के पक्ष में माना जाता है।  
-OBC में से ग़ैर-यादव को बीजेपी का वोटबैंक माना जाता है। 
-यूपी में 40 फीसदी वोटर ओबीसी हैं। 

अब एक बार फिर RSS के आरक्षण विरोधी बयान से बीजेपी ऐसे फंस गई है कि जवाब देते नहीं बन रहा। दिलचस्प बात ये है कि लिटरेचर फेस्टिवल में मुसलमानों को आरक्षण दिये जाने के बारे में राय पूछी गई थी वैद्य जी बोल पड़े दलितों के आरक्षण पर। बीजेपी यूपी में सियासत का चेहरा बदलने चली थी लेकिन अब बुरी तरह फंसी नज़र आती है।

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