नई दिल्ली: राहुल गांधी ने RSS पर दिए अपने बयान से यू टर्न ले लिया है। राहुल गांधी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने कभी गांधी की हत्या का आरोप RSS पर बतौर संस्था नहीं लगाया है। उनका कहना था कि गांधी की हत्या के लिए दोषी शख्स इस संगठन से जुड़ा हुआ था। इस बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिये हैं कि मानहानि के केस में राहुल गांधी को राहत मिल सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राहुल के इस बयान के बाद वो इस निष्कर्ष पर पंहुचे हैं कि राहुल ने कभी RSS को बतौर संस्था गांधी जी हत्या के लिए आरोपी नहीं कहा।
इस मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर को है और आज सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद ये संकेत मिल रहे हैं कि राहुल गांधी को अगली सुनवाई में राहत मिल सकती है। जस्टिस दीपक मिश्रा और आरएफ नरीमन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर शिकायतकर्ता सहमत हो तो कोर्ट इस मामले को खत्म कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले राहुल से कहा था कि वो या तो माफी मांगे या केस का सामना करने को तैयार रहें। आरएसएस के भिवंडी इकाई के सचिव राजेश माधव कुंटे ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि राहुल गांधी ने 6 मार्च 2015 को सोनाले में हुई एक चुनावी रैली में गांधी जी की हत्या का आरोप आरएसएस पर लगाया था।
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