नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डीपी त्रिपाठी का गुरुवार सुबह निधन गया। वह काफी समय से कैंसर से पीड़ित थे। त्रिपाठी सांसद भी रह चुके थे और NCP सुप्रीमो शरद पवार के करीबियों में गिने जाते थे। त्रिपाठी ने बेहद ही कम उम्र में पॉलिटिक्स जॉइन कर ली थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वह 16 साल की उम्र से ही राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गए थे। आगे चलकर वह राजीव गांधी के खास लोगों में गिने जाने लगे। हालांकि सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर शरद पवार के साथ ही उन्होंने भी पार्टी छोड़ दी थी।
डीपी त्रिपाठी का पूरा नाम देवी प्रसाद त्रिपाठी था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुआ था। त्रिपाठी जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष भी चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र पढ़ाया था। डीपी त्रिपाठी 'थिंक इंडिया' नाम की एक त्रैमासिक पत्रिका के संपादक भी थे। उन्हें कई भारतीय और विदेशी भाषाओं का ज्ञान था एवं उन्होंने दुनियाभर के कई विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दिया था। वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेताओं में शामिल थे और पार्टी के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता भी रहे थे।
NCP नेता सुप्रिया सुले ने ट्वीट किया, ‘श्री डी.पी.त्रिपाठी जी के निधन से काफी दुखी हूं। वह NCP के महासचिव और हम सबके मार्गदर्शक थे। उन्होंने NCP की स्थापना के समय से हमें बहुमूल्य परामर्श और मार्गदर्शन दिया जिसे हम याद रखेंगे। ईश्चर उनकी आत्मा को शांति दे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।’ वहीं, सीताराम येचुरी ने त्रिपाठी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने छात्र जीवन के समय से लेकर अब तक के सबसे करीबी मित्र को खो दिया है।
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