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Hindi News भारत राजनीति शिवसेना का BJP पर हमला, लोग अभी भी 'अच्छे दिन' का इंतजार कर रहे हैं

शिवसेना का BJP पर हमला, लोग अभी भी 'अच्छे दिन' का इंतजार कर रहे हैं

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा, ‘जिन्हें लगता है कि शिवसेना ने अपना मजाक बनाया है, वे सत्ता के नशे में चूर हैं। हमारे पैर जमीन पर हैं।'

Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray- India TV Hindi Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray | PTI Photo

मुंबई: शिवसेना ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लोग अब भी अच्छे दिन का इंतजार कर रहे हैं जिसका वादा NDA सरकार ने किया था। इसके साथ ही शिवसेना ने पार्टी के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए महाराष्ट्र में बीजेपी के एक मंत्री की आलोचना की। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि शिवसेना जिस सरकार का हिस्सा है, उसी के खिलाफ सड़कों पर उतरकर हंसी का पात्र बन गई है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुआई वाली सरकारों का हिस्सा है। शिवसेना ने महंगाई और पेट्रोल के बढ़ते दामों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। पार्टी ने अहम मुद्दों पर उसके प्रदर्शन की पाटिल द्वारा आलोचना किए जाने को खारिज कर दिया।

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा, ‘जिन्हें लगता है कि शिवसेना ने अपना मजाक बनाया है, वे सत्ता के नशे में चूर हैं। हमारे पैर जमीन पर हैं। क्या आप (पाटिल) तब भी हम पर हंसोगे जब हम कहेंगे कि हर जगह आज लोग हंस रहे हैं क्योंकि सत्ता में आने के बाद भी अच्छे दिन कभी नहीं आए जिसका बीजेपी ने वादा किया था।’ मराठी दैनिक अखबार में कहा गया है कि अगर बीजेपी चाहती है कि शिवसेना प्रदर्शन करना बंद कर दें तो उन्हें उन मुद्दों को सुलझाना चाहिए जो गरीबों और किसानों की तकलीफों का सबब हैं। संपादकीय में कहा गया है, ‘महंगाई नियंत्रित करें और पेट्रोल तथा डीजल के दामों में कटौती करें। फसल कर्ज माफी का मुद्दा भी अभी अधर में लटका हुआ है। किसानों को सरकार द्वारा लगाई गई शर्तों को पूरा करने में मुश्किलें आ रही है।’

पार्टी ने पाटिल को चेतावनी देने के लिए वरिष्ठ बीजेपी नेता एकनाथ खडसे का हवाला दिया जिन्होंने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पिछले साल राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। शिवसेना ने संपादकीय में कहा, ‘चंद्रकांत पाटिल के पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ अच्छे संबंध हैं और वह राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य भी हैं। वह मुख्यमंत्री के पद के भी दावेदार हैं लेकिन उन्हें इस पद के मजबूत दावेदार रहे एकनाथ खडसे के साथ जो हुआ उससे सीख लेनी चाहिए।’

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