नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को एक लाख करोड़ रुपये का सरकारी ऑर्डर देने के मामले में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर संसद में झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सदन में अपने बयान के समर्थन में वह या तो दस्तावेज पेश करें या इस्तीफा दें। गांधी ने सरकार पर निशाना तब साधा है जब एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ‘‘एचएएल के पास एक लाख करोड़ रुपये में से एक भी रुपया नहीं आया है। दावे के विपरीत अब तक एक भी ऑर्डर पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है।’’ वहीं, रक्षा मंत्री ने राहुल के इस बयान पर जवाब देते हुए ट्वीट कर विस्तृत रूप से अपने दावे के समर्थन में विवरण दिया है।
मीडिया रिपोर्ट में अपने दावे के समर्थन में एचएलएल प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी को उद्धृत किया गया है। मीडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी एचएएल वित्तीय संकट से जूझ रही है और अपने कर्मियों को तनख्वाह देने के लिए धन उधार लेने को मजबूर है। विपक्षी दल ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे के तहत एचएएल को एक ऑफसेट अनुबंध से वंचित कर दिया। सरकार इन आरोपों को खारिज कर चुकी है।
रक्षा मंत्री ने किया पलटवार, दिए आंकड़े रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट कर कांग्रेस अध्यक्ष पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। इस ट्वीट में उन्होंने जानकारी दी कि मोदी सरकार के दौरान HAL को कितने के ऑर्डर दिए गए और कितने ऑर्डर अभी पाइपलाइन में हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'यह शर्म की बात है कि कांग्रेस के अध्यक्ष देश को गुमराह कर रहे हैं। HAL ने 2014 से 2018 के बीच 26,570.0 करोड़ रुपये के सौदों पर दस्तखत किए और 73,000 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट्स पाइपलाइन में हैं। क्या राहुल गांधी सदन में देश से माफी मांगेंगे?'
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