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सपा ने पुलिस बल प्रयोग पर राज्य सरकार को घेरा, केंद्र ने कहा कि सरकार का कोई लेनादेना नहीं

लोकसभा में सपा के सदस्य धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से यह मांग भी की कि प्रयागराज में उनकी पार्टी के लोगों पर कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के उनके नोटिस को स्वीकार किया जाए।

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नयी दिल्ली: समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं पर पुलिस बल प्रयोग को लेकर बुधवार को लोकसभा में राज्य सरकार और भाजपा को आड़े हाथ लिया, वहीं केंद्र सरकार ने कहा कि इस घटनाक्रम से भाजपा और सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। लोकसभा में सपा के सदस्य धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से यह मांग भी की कि प्रयागराज में उनकी पार्टी के लोगों पर कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के उनके नोटिस को स्वीकार किया जाए।

लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरू हुई तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद शून्यकाल में सपा के धर्मेंद्र यादव ने मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को इलाहाबाद विश्वविद्यालय और कुंभ मेले में नहीं जाने देने का आरोप उत्तर प्रदेश सरकार पर लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रयागराज में सपा अध्यक्ष का इंतजार कर रहे पार्टी नेता और कार्यकर्ता जब गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रहे थे तो वहां के पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के नेतृत्व में लाठीचार्ज किया गया।

यादव ने आरोप लगाया कि पुलिस के लाठीचार्ज में उनके समेत पार्टी सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्यों के साथ ही सपा छात्र संगठन के सदस्य और महिलाएं चोटिल हुए। इस दौरान यादव के सिर पर पट्टी बंधी हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के अधिकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर और मुख्यमंत्री जिन लोगों के निर्देश पर चल रहे हैं, उनकी लोकतंत्र में कोई आस्था नहीं है।

यादव ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मांग की कि उनके समेत पार्टी के अन्य लोकसभा सदस्यों के विशेषाधिकार हनन के नोटिस को स्वीकार किया जाए तथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सपा सदस्य ने जो कहा है, उससे सरकार को सहानुभूति है लेकिन इस घटनाक्रम से सरकार और भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रशासन को लिखकर दिया कि सपा नेता के कार्यक्रम से अव्यवस्था हो सकती है, इसलिए उन्हें रोकना पड़ा। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भी आसन के समीप आकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। नारेबाजी कर रहे तृणमूल सदस्यों ने इस दौरान काले रंग का बैनर भी सदन में लटकाया। उनके साथ तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्य भी खड़े देखे गये।

तृणमूल कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी के जवाब में सत्तापक्ष की ओर से भी नारेबाजी सुनाई दी। कांग्रेस के सदस्य राफेल विमान सौदे को लेकर अपना विरोध जता रहे थे। इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों की ओर से कागज के हवाई जहाज भी उड़ाये गये जो सत्तापक्ष की ओर जाकर गिरे।

इस दौरान अग्रिम पंक्ति में गृहमंत्री राजनाथ सिंह बैठे थे। सदन में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और सपा नेता मुलायम सिंह यादव भी उपस्थित थे। इससे पहले सदन में प्रश्नकाल नहीं चल सका। समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के कारण अध्यक्ष महाजन ने शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद सदन की बैठक को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

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