A
Hindi News भारत राजनीति आम आदमी पार्टी ने लगाया आरोप, पूर्व कलेक्टर के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए उसे भारतीय जनता पार्टी में शामिल किया गया

आम आदमी पार्टी ने लगाया आरोप, पूर्व कलेक्टर के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए उसे भारतीय जनता पार्टी में शामिल किया गया

छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि रायपुर जिले के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए उसे भारतीय जनता पार्टी में शामिल किया गया है।

<p>gopal rai</p>- India TV Hindi gopal rai

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि रायपुर जिले के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए उसे भारतीय जनता पार्टी में शामिल किया गया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ प्रभारी गोपाल राय ने आज यहां संवाददाता सम्मलेन में आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार के संरक्षण में सरकारी जमीन और निजी जमीन की अदला-बदली के माध्यम से तत्कालीन कलेक्टर ने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया, लेकिन उसे दबा दिया गया। राय ने कहा कि जिला पंचायत दन्तेवाड़ा के पास बैजनाथ नामक व्यक्ति की 3.67 एकड़ कृषि भूमि थी। बैजनाथ से इस जमीन को चार लोगों ने खरीदा। जिसके बाद इस जमीन को विकास भवन के नाम पर सरकार ने लेकर दन्तेवाड़ा में बस स्टैंड के पास करोड़ों की व्यावसायिक भूमि के साथ कृषि भूमि की अदला बदली कर ली। आरोप है कि यह सब कुछ 2011 से 2013 के बीच चौधरी के दन्तेवाड़ा के कलेक्टर के रहने के दौरान हुआ है। (भाजपा नेता तरूण विजय ने राहुल गांधी की कैलास मानसरोवर यात्रा का किया समर्थन )

राय ने कहा कि 2010 में बैजनाथ से चार लोगों मोहम्मद साहिल हमीद, कैलाश गुप्त मिश्र, मुकेश शर्मा और प्रशांत अग्रवाल ने 3.67 एकड़ कृषि भूमि की खरीदी की थी। वर्ष 2011 में ओपी चौधरी दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर बनकर आए तब इन चारों लोगों ने कलेक्टर चौधरी से आग्रह किया कि उनकी निजी भूमि को सरकार जिला पंचायत परिसर में विकास भवन बनाने के नाम पर ले ले। उन्होंने कहा कि मार्च 2013 में राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार, पटवारी और एसडीएम ने मिलकर सिर्फ 15 दिनों के भीतर ही इन चारों की निजी जमीन के बदले में सरकारी भूमि देने की प्रक्रिया पूरी कर डाली। जिस जमीन को बैजनाथ से इन लोगों ने मात्र 10 लाख रुपए में खरीदा था उसे यह लोग 25 लाख रुपए में बेचने में सफल हो गए और उसके बदले में दंतेवाड़ा के बस स्टैंड के पास व्यावसायिक भूमि के साथ दो अन्य स्थानों पर जमीन पर मालिकाना हक पाने में सफल रहे।

राय ने आरोप लगाया कि इस दौरान निजी भूमि को मंहगे दर पर और सरकारी महंगी जमीन को सस्ती बताकर कूटरचना की गई। जिसके फलस्वरुप 5.67 एकड़ सरकारी कीमती भूमि हथिया ली गई। उन्होंने बताया कि बाद में इस प्रकरण को जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई। मामला जब उच्च न्यायलय पहुंचा तब अदालत ने सितंबर 2016 में राज्य सरकार को आदेश दिया कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जाए। राय ने आरोप लगाया कि अदालत के आदेश पर सरकार को जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। ऐसे में साफ है कि कलेक्टर ने कार्रवाई और दाग से बचने के लिए पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार दागी अफसर को बचा रही है। अपने राजनीतिक फायदे के लिए उसे अपने दल में शामिल किया है। राय ने कहा आम आदमी पार्टी इस मामले को लेकर लोकायुक्त के पास जाएगी और चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज कराएगी।

Latest India News