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उत्तराखंड में सियासी खींचतान, राष्ट्रपति से मिले BJP और कांग्रेस के नेता

नई दिल्ली: उत्तराखंड का सियासी ड्रामा अब राष्ट्रपति के दरबार में पहुंच गया है। कुछ ही देर में यानी शाम को बीजेपी के 26 विधायक और कांग्रेस के 9 बागी विधायक राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से

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विजय बहुगुणा के बेटे साकेत की कांग्रेस से छुट्टी

वहीं, हरीश रावत ने विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत के समर्थकों को ठिकाने लगाना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड कांग्रेस ने विजय बहुगुणा के बेटे और प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य साकेत बहुगुणा को पार्टी से 6 साल से निकाल दिया है। यही नहीं, बहुगुणा के करीबी पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव अनिल गुप्ता को भी 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है। दोनों नेताओं पर ये कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविविधयों के आरोप में की गई है। हरक सिंह रावत के करीबी मंडी समिति के अध्यक्षों को भी बर्खास्त कर दिया गया है। यही नहीं, उत्तराखंड कांग्रेस की 9 जिला इकाइयों को भंग कर दिया गया है।

सरकार बचाने को हरीश रावत ने झोंकी ताकत

अब उत्तराखंड में सरकार को बचाने या सरकार को गिराने के लिए विधानसभा में संख्या बल बहुत अहम हो गया है। हरीश रावत का फॉर्मूला ये है कि दल बदल क़ानून के तहत 9 बागी विधायकों की सदस्यता खत्म हो जाएगी। जिसके बाद विधानसभा सदस्यों की संख्या 70 से घटकर 61 हो जाएगी यानी बहुमत का आंकड़ा होगा 31 और हरीश रावत ने 33 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।

इसी फॉर्मूले के हिसाब से हरीश रावत अपनी सरकार पर किसी भी खतरे से इनकार कर रहे हैं। बीजेपी के लिए परेशानी की बात एक ये भी है कि घोड़े की टांग तोड़ने के केस में उसके एक विधायक गणेश जोशी जेल में हैं और जबकि दूसरे फरार विधायक जोदिंगर पुंडीर को हाईकोर्ट ने 28 मार्च से पहले सरेंडर करने को कहा है।

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