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‘क्या 1971 में इंदिरा गांधी ने भी खून की दलाली की थी’

राहुल गांधी के 'खून की दलाली' वाले बयान पर केंद्रीय राज्य मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

VK Singh- India TV Hindi VK Singh

नई दिल्ली: राहुल गांधी के 'खून की दलाली' वाले बयान पर केंद्रीय राज्य मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस बयान को घटिया मानसिकता वाला बताते हुये राहुल से सवाल किया, 'क्या इंदिरा गांधी ने भी भारत-पाक जंग के वक्त 1971 में खून की दलाली की थी? उन्होंने कहा कि अगर गांधी ये सोचते हैं कि इस तरह के घटिया बयान देकर वह राजनीति में ऊपर आ जाएंगे तो ऐसा नहीं है। ऐसे बयान देकर वे नीचे ही जाएंगे।

लखनऊ आए जनरल सिंह ने मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब में कहा कि सैनिकों के खून की दलाली की बात वही कह सकता है जिसे जमीनी हालात की जानकारी नहीं है या जिसकी सोच छोटी है। देश के लिए कोई काम राजनीति से ऊपर उठकर किया जाए तो उसमें मीन-मेख नहीं निकालना चाहिए। सर्जिकल स्ट्राइक के सुबूत मांगना हारी मानसिकता का परिचायक है।

उन्होंने कहा, क्या 1971 में हुए युद्ध को लेकर कोई सवाल हुआ था? उस सफल युद्ध के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था। अगर ओछी राजनीति होती तो क्या वे ऐसा बयान देते। सेना के ऑपरेशन पर सरकार ने तो कोई बयान नहीं दिया।

वीके सिंह ने कहा कि1857 में अंग्रेजों को जब इस बात का एहसास हो गया कि यदि भारतीय एकजुट हो गए तो उन्हें देश छोड़ना पड़ जाएगा। तब अंग्रेजों ने लोगों को जाति-धर्म के नाम पर बांटने का काम किया। वह सफल हुए और कई वर्षो तक शासन किया। ऐसा ही आजादी मिलने के बाद किया गया। शासन करने के लिए 70 वर्षो तक लोगों को सिर्फ धर्म और जाति के आधार पर बांटने का काम किया गया। इसी के चलते हमें इस पर विचार करना पड़ रहा कि राष्ट्र और राष्ट्रीयता के मायने क्या हैं।

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