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तमिलनाडु, पुडुचेरी, त्रिपुरा, प. बंगाल में चुनाव, उप-चुनाव के लिए मतदान शुरू

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज तमिलनाडु , पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में चुनाव और उप चुनाव के लिए मतदान शुरु हो गया। तमिलनाडु के तंजावुर और अरावाक्कुरिची में चुनाव और तिरूपरनकुंदरम में उपचुनाव तथा

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कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज तमिलनाडु , पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में चुनाव और उप चुनाव के लिए मतदान शुरु हो गया। तमिलनाडु के तंजावुर और अरावाक्कुरिची में चुनाव और तिरूपरनकुंदरम में उपचुनाव तथा पड़ोसी राज्य पुडुचेरी की एकमात्र नेल्लीथोप सीट पर मतदान शुरू हो गया। 

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री और सदन के गैर सदस्य वी नारायणसामी नेल्लीथोप में अन्नाद्रमुक के उम्मीदवार ओम शक्ति सेगर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। 
तमिलनाडु में सभी निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों ने उत्साहपूर्वक कतारबद्ध होकर मतदान में हिस्सा लिया और स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने बताया कि सुबह सात बजे से शुरू हुए मतदान के पहले घंटे में मतदान प्रतिशत करीब आठ और दस प्रतिशत रहा। 

तंजावुर में अन्नाद्रमुक के रंगासामी और द्रमुक के अंजुगम भूपति मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं। अरावाक्कुरिची में सेंथिल बालाजी :अन्नाद्रमुक: और केसी पालानिसामी (द्रमुक) चुनावी मैदान में हैं जबकि तिरूपरनकुंदरम में अन्नाद्रमुक के एके बोस द्रमुक के सर्वानन से मुकाबला कर कर रहे हैं। 

यहां के अपोलो अस्पताल में भर्ती तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक की प्रमुख जयललिता ने जनता से राज्य के तीन निर्वाचन क्षेत्रों और पुडुचेरी में एक सीट के लिए हो रहे चुनाव में उनकी पार्टी के लिए मतदान करने का अनुरोध किया है। जयललिता को पहली बार 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने अपील की है कि जनता उनका जीवनस्तर सुधारने के लिए शुरू की गईं अनगिनत योजनाओं को ध्यान में रखकर मौजूदा चुनाव में अन्नाद्रमुक को अपना प्यार और समर्थन दें। 

नोटबंदी की मुहिम के साए में पश्चिम बंगाल में उपचुनाव

केंद्र की नोटबंदी की मुहिम के साए में पश्चिम बंगाल में दो लोकसभा क्षेत्रों और एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए आज सुबह मतदान शुरू हो गया। 
ये उपचुनाव कूचबिहार एवं तामलुक लोकसभा क्षेत्रों और मोंटेश्वर विधानसभा क्षेत्र में हो रहे हैं। 

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस ने तीनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस और माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे ने अप्रैल-मई विधानसभा चुनाव साथ में लड़ा था, बहरहाल इस बार के उपचुनावों के दौर में दोनों ने अलग अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया। 

उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान के आखिरी चरण में नोटबंदी एक अहम मुद्दा बन गया था। 
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन उपचुनावों के लिए प्रचार नहीं किया और इसकी जिम्मेदारी अपनी पार्टी के अन्य नेताओं पर छोड़ दी। मतों की गणना 22 नवंबर को होगी। 

उधर त्रिपुरा में दो विधानसभा सीटों, बरजाला और खोवाई में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उपचुनाव शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हो गया। मतदान करने के लिए लोग आज सुबह से कतारों में खड़े देखे गए। शांतिपूर्ण मतदान के उद्देश्य से दोनों निर्वाचन क्षेत्रों और उससे सटे इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) समेत केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों की नौ कंपनियां तैनात की गई हैं। त्रिपुरा स्टेट राइफल्स और राज्य पुलिस समेत राज्य के बलों को भी तैनात किया गया है। 

कांग्रेस में आंतरिक कलह के चलते पार्टी विधायक जितेंद्र सरकार के इस्तीफे के बाद बरजाला (अनुसूचित जाति आरक्षित) सीट रिक्त हो गई थी जबकि दिग्गज माकपा नेता समीर देब के निधन के बाद खोवाई सीट में उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी। 

बरजाला निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा, माकपा, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और अमरा बंगाली के उम्मीदवारों के चुनावी मैदान में होने से इस सीट पर बहुकोणीय मुकाबला होने वाला है। 

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