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कौन हैं धन सिंह रावत और अनिल बलूनी जो हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे

उत्तराखंड की राजनीति में उठा-पठक के बीच दो नाम चर्चा में है जो मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। ये दो नाम हैं अनिल बलूनी और धन सिंह रावत। अटकलें सतपाल महाराज को लेकर भी हैं। हालांकि, सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा, यह कल साफ हो जाएगा।

Who is Dhan Singh Rawat who is Anil Baluni- India TV Hindi Image Source : INDIA TV उत्तराखंड की राजनीति में उठा-पठक के बीच दो नाम चर्चा में है जो मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में उठा-पठक के बीच दो नाम चर्चा में है जो मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। ये दो नाम हैं अनिल बलूनी और धन सिंह रावत। अटकलें सतपाल महाराज को लेकर भी हैं। हालांकि, सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा, यह कल साफ हो जाएगा। बता दें कि उत्तराखंड में पार्टी नेताओं, विधायकों और सांसदों का मन जानने के लिए भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय ऑबजर्बर जब देहरादून गए थे तो उन्होंने धन सिंह रावत के साथ भी मुलाकात की थी। धन सिंह रावत त्रिवेंद्र सरकार में सहकारिता मंत्री हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। राज्य में मंत्रियों और विधायकों के एक धड़े ने केंद्रीय नेतृत्व से राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की मांग की थी। पार्टी के इस गुट का कहना था कि अगर CM फेस नहीं बदला गया तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

बता दें कि श्रीनगर गढ़वाल विधानसभा सीट से विधायक धन सिंह रावत आरएसएस कैडर से हैं और उत्‍तराखंड बीजेपी में संगठन मंत्री भी रह चुके हैं। उनका जन्‍म सात अक्‍टूबर 1971 को हुआ था। वह जनपद पौड़ी गढ़वाल के मूल न‍िवासी हैं। वह डबल एमए हैं और राजनीति व‍िज्ञान में उन्‍होंने पीएचडी की हुई है। धन स‍िंह समाज सेवा के कार्य से जुड़े रहे हैं। बाल व‍िवाह, शराब न‍िषेध, राम जन्‍म भूम‍ि आंदोलन में सक्रिए रहे हैं। 

इतना नहीं वह उत्‍तराखंड राज्‍य आंदोलन में सक्र‍िय रूप से शाम‍िल रहे थे, ज‍िसके चलते उन्‍हें दो बार जेल भी जाना पड़ा था। वह छात्र राजनीत‍ि के दौरान एबीवीपी के साथ कई काम क‍िए, ज‍िसमें 100 महाविद्यालयों में 10 हजार पौधे लगाने का काम भी शामिल है। वहीं अनिल बलूनी उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी हैं। उन्होंने उत्तराखंड की जमीन से ही सियासत सीखी है। बलूनी को शांत स्वभाव के नेताओं में गिना जाता है।

अनिल 26 साल की उम्र में राजनीति में उतर आए थे और राज्य के पहले विधानसभा चुनाव 2002 में कोटद्वार सीट चुनाव लड़ने की तैयारी की थी लेकिन उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया था। इस बात से नाराज बलूनी कोर्ट पहुंच गए थे और फिर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2004 में कोटद्वार से उपचुनाव लड़ा। हालांकि, वह हार गए थे। इसके बाद भी उनकी राजनीति से कभी रुचि कम नहीं हुई और हमेशा सक्रिय रहे। 

मौजूदा समय में अनिल बलूनी मीडिया संबंधित सभी कार्यों को देखते हैं और पार्टी के संबंध में हर खबर पर उनकी नजर रहती है। जरूरत पड़ने पर अनिल हस्तक्षेप भी करते हैं। इसके अलावा वह शाह और पीएम मोदी के मीडिया संबंधी कार्यक्रमों को मैनेज करते हैं। गौरतलब है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को BJP अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात से पहले रावत ने पार्टी के राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के साथ बैठक की। 

रावत की यह मुलाकात पिछले दो दिनों से उत्तराखंड में चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद हुई, जब बीजेपी उपाध्यक्ष रमन सिंह और महासचिव व राज्य के प्रभारी दुष्यंत गौतम बिना किसी तय कार्यक्रम के देहरादून पहुंचे और राज्य के कोर समूह के नेताओं की बैठक की। बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली भारी सफलता के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य की कमान रावत को सौंपने का फैसला किया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 75 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। रावत राज्य में बीजेपी के पांचवें मुख्यमंत्री थे। 

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