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केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी देंगे इस्तीफा? चौतरफा दबाव के बीच बीजेपी अध्यक्ष नड्डा से आज करेंगे मुलाकात

लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले से जुड़े एसआईटी जांच में सामने आए तथ्यों को लेकर बुधवार को लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा मचाया था।

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी देंगे इस्तीफा? चौतरफा दबाव के बीच बीजेपी अध्यक्ष नड्डा से आज करेंगे - India TV Hindi Image Source : PTI केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी देंगे इस्तीफा? चौतरफा दबाव के बीच बीजेपी अध्यक्ष नड्डा से आज करेंगे मुलाकात

Highlights

  • लखीमपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार इस्तीफे की कर रहा है मांग
  • कल अजय मिश्रा ने पत्रकारों से की थी बदसलूकी

नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। जहां एक ओर विपक्ष लगातार सरकार पर टेनी से इस्तीफा लेने का दबाव बना रहा है वहीं कल मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी की शिकायतें भी पार्टी आलाकमान तक पहुंच गई हैं। टेनी को आज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने को कहा गया है। अजय मिश्रा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे जिसके बाद यह तय होगा कि उनपर क्या फैसला लिया जाता है। 

पत्रकारों से बदसलूकी
हालांकि अजय मिश्रा का जो पहले से तय प्रोग्राम है उसके मुताबिक आज उन्हें एक सरकारी कार्यक्रम के लिए डिब्रूगढ़  रवाना होना है। इस बीच संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर सरकार को घेर रहा है। एसआईटी की जांच में लखीमपुर खीरी हिंसा को एक सोची समझी साजिश बताए जाने के बाद अजय मिश्रा पर इस्तीफे का दबाव और ज्यादा बढ़ गया है। वहीं कल पत्रकारों के सवाल पूछने पर पत्रकारों के साथ बदसलूकी का वीडियो सामने आने के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैंष

लखीमपुर-खीरी हिंसा पर संसद में हंगामा
लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले से जुड़े एसआईटी जांच में सामने आए तथ्यों को लेकर बुधवार को लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा मचाया था। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर लिए स्थगित कर दी गई थी। राहुल गांधी ने लखीमपुर-खीरी मामले पर बुधवार को लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस दिया था। नोटिस में उन्होंने सदन में नियत कामकाज स्थगित करने की मांग की थी और कहा था कि एसआईटी रिपोर्ट को लेकर सदन में चर्चा होनी चाहिए।

किसानों की हत्या की गई-राहुल
 सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘‘किसानों की हत्या की गई। कहा जा रहा है कि इसमें मंत्री में शामिल हैं। वह प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में हैं। प्रधानमंत्री एक तरफ किसानों से माफी मांगते हैं और दूसरी तरफ जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा तक नहीं देते। उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को अपनी मंत्रिपरिषद में रखा है जो हत्यारा है, जिसने (किसानों को) मारा है।’’ उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाना चाहते थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के इस बयान को अतार्किक करार दिया जिसमें उन्होंने कहा है कि लखीमपुर खीरी मामले पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह अदालत में विचाराधीन है। 

मंत्री को भी इस्तीफा देना पड़ेगा-राहुल
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, ‘‘हमने किसानों के परिवार से वादा किया था कि दबाव डालकर न्याय दिलवाएंगे। हमने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि इनको वापस लेना पड़ेगा, आपने देखा कि इनको वापस लिया गया है। इसी तरह मंत्री को भी इस्तीफा देना पड़ेगा और जेल जाना होगा। हम नहीं छोड़ेंगे। पांच साल, 10 साल या 15 साल लग जाएं, मंत्री को जेल जाना होगा।’’

इनपुट-भाषा

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